शेखर दीक्षित ने किसान की हत्या के मामले में पुलिस से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। किसानों पर अत्याचार किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा।
यह है पूरा मामला- मामला राजधानी लखनऊ से सटे सीतापुर जिले के राम कलां थाना क्षेत्र के भौरी गाँव का है, जहाँ बीते शनिवार को गाँव के एक दलित किसान ज्ञानचंद को रिकवरी एजेंट्स ने पैसे नहीं चुकाने के कारण मौत के घाट उतार दिया। फाइनेंस कंपनी के इन एजेंटों ने किसान की उसी के ट्रेक्टर से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी।
महज 30-35 हजार रुपयों का था लोन- आपको बता दे कि 45 वर्षीय दलित किसान ज्ञानचंद ने तीन साल पहले एलएंडटी नाम की फाइनेंस कंपनी से पांच लाख रुपए का लोन लेकर ट्रैक्टर खरीदा था, जिसमें उसका अब सिर्फ 30-35 हजार रुपया ही बकाया रह गया था, इसके एवज में एजेंटों ने इस करतूत को अंजाम दे दिया।
जान और ट्रैक्टर दोनों की रिकवरी कर ले गए- शनिवार को किसान ज्ञानचंद अपने खेतों की जुताई कर रहा था, तभी फाइनेंस कंपनी के चार एजेंट खेत पहुँच गए, जिसमें दो सुधीर और अमित नाम के और दो अज्ञात एजेंटों ने ज्ञानचंद को बंधक बना लिया। चश्मदीद राज किशोर उस समय खेत पर ही था। उसने बताया कि ज्ञानचंद कागज दिखाकर बकाया पैसों को जमा करने की बात कर रहे थे।ज्ञानचंद ट्रैक्टर नहीं ले जाने की मिन्नत करते रहे, तब तक मैंने देखा कि वो ट्रैक्टर के नीचे दबे हैं।
राजकिशोर के मुताबिक, जब तक में गांव वालों को बुलाने के लिए आया तब तक रिकवरी एजेंट्स ट्रैक्टर लेकर फरार हो गए थे और लाश को वहीं छोड़ दिया था। किसान पांच बेटियों का बाप था।
किसान को कब मिलेगा न्याय- किसान ज्ञानचंद की पांच बेटियां है, सबसे छोटी बेटी अभी महज छः माह की है। पुलिस ने इस मामले में लूट और हत्या जैसी धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस की कार्यवाही तो जारी है, लेकिन अभी तक ना तो हत्यारे पकड़ में आये हैं और ना ही किसान का वो ट्रेक्टर जिसकी वजह से उसकी जान चली गयी।