सोनभद्र. चुनावी साल देख जहां सरकार सूबे के लोगों के लिये एक के बाद एक घोषणाएं कर रही है वही जनता भी अपनी मांगें मनवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है । सोनभद्र में ऊर्जा नगरी के नाम से मशहूर ओबरा को तहसील बनाने के लिए लोगों ने क्रमिक अनशन प्रारम्भ कर दिया । ओबरा को तहसील बनाने के लिये बनाई गयी तहसील सृजन संघर्ष समिति के बैनर तले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को 12 बजे स्थानीय सुभाष तिराहे पर एडवोकेट शशि रंजन श्रीवास्तव की अध्यक्षता में ओबरा को तहसील बनाए जाने की मांग को लेकर क्रमिक अनशन प्रारंभ हो गया।
मौके पर नगर पंचायत अध्यक्षा दुर्गावती देवी ने अनशनरत लोगों को माला पहनाकर इस आंदोलन का शुभारंभ किया। इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए एडवोकेट पुष्पराज पांडेय ने कहा कि ओबरा की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए ओबरा को तहसील बनाए जाना अति आवश्यक है। बार-बार पत्र द्वारा उच्चाधिकारियों सहित शासन को अवगत कराने के पश्चात भी ओबरा को तहसील का दर्जा नहीं मिला। उन्होंने चेतावनी दिया की आंदोलन ओबरा के तहसील बनाए जाने की घोषणा होने तक जारी रहेगा ।
गौरतलब है कि जिले के दक्षिणी हिस्से में सोन नदी के उस पार पड़ने वाले ओबरा को तहसील बनाने के लिये चोपन , हाथीनाला , जुगैल , अनपरा ,शक्तिनगर आदि थानों के 175 से ज्यादा ग्राम पंचायतें इसमें शामिल किये जाने का प्रस्ताव रखा गया है । शुक्रवार को शुरू हुए क्रमिक अनशन में एडवोकेट नसीम खान, एडवोकेट गजेंद्र यादव, एडवोकेट दीपक पांडेय बैठे। इस अवसर पर एडवोकेट अनिल मिश्रा, एडवोकेट एसके चौबे, एडवोकेट मनोज पाठक, एडवोकेट मिथिलेश तिवारी, एडवोकेट हरिओम सेठ सहित समिति के दर्जनों लोग व आम नागरिक मौजूद रहे।
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