जब परासी दुबे प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो स्वास्थ्य विभाग के लोगों की नींद उड़ गई। दरवाजों व खिड़कियों के झरोखों से फोटो बनाई गई। खिड़की के पास पड़ी बोरियों को क्लोजअप कर खींचा गया। खिड़की के पास की दो बोरियों पर विनिर्माण तिथि मार्च 2019 व मार्च 2018 छपा था। समाप्ति तिथि फरवरी 2021 व फरवरी 2020 दर्ज थी। कमरा न खुलने की वजह से डीडीटी की कितनी बोरियां हैं या फिर कितनी एक्सपाइरी हुई, इसका तो खुलासा नहीं हो सका लेकिन स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो 30 लाख से अधिक मूल्य की डीडीटी एक्सपाइरी हो गई है, जो उसी गोदाम में रखी है।
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टीम का गठन कर होगा जांच
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नेम सिंह का बयान अपने व कर्मचारियों को बचाने वाला रहा, लेकिन इस मामले को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह व अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने गंभीरता से लिया है। डीएम के निर्देश पर उपजिलाधिकारी व तहसीलदार राबर्ट्सगंज मौके पर पहुंच कर अस्थाई गोदाम को सील कर दिया है। जिलाधिकारी ने बताया कि एसडीएम के एस पांडेय को मौके पर भेजा गया था। चिकित्सालय बंद हो चुका था। एएनएम सेंटर की चाबी न मिलने की वजह से उसे सील करवाया गया है। टीम का गठन कर मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी।