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रीवा

महिलाओं की जिद के आगे हारी नशे की आदत्त, परिवार हुआ खुशहाल

कोरोना संक्रमण में लॉक डाउन में परिवार के बीच नशा छोडऩे का आसान है। इसके लिए बस थोड़ी इच्छाशक्ति की जरुरत है।ऐसे में सबसे अधिक महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके लिए महिलाओं को आगे आना होगा। महिलाओं की जिद के आगे नाशे की आदत्त भी घुटने टेक चुकी है।

रीवाApr 04, 2020 / 06:18 am

Lokmani shukla

Drug de-addiction

Drug de-addiction

रीवा। कोरोना संक्रमण में लॉक डाउन में परिवार के बीच नशा छोडऩे का आसान है। इसके लिए बस थोड़ी इच्छाशक्ति की जरुरत है।ऐसे में सबसे अधिक महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके लिए महिलाओं को आगे आना होगा। महिलाओं की जिद के आगे नाशे की आदत्त भी घुटने टेक चुकी है। दो महिलाओं ने अपने पति को नशे के मुक्ति का संकल्प लिया। इस दौरान उनके झगड़े हुए है, लेकिन हार नहीं मानी और अंत में नशे की आदत छूटने के बाद परिवार खुशहाल है।
इन दिनों लॉक डाउन के कारण शराब और अन्य नश की सामगी नहीं मिल रही है। वहीं लोग अधिकांश समय घरों में परिवार के साथ रहते है। इसलिए आसानी से नशे की आदत्त को छुड़वाया जा सकता है। इसके लिए महिलाएं अपने नशा छुड़ाने के लिए प्रेरित करें। नशा छोडऩे के दौरान उन्हें कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होगी, लेकिन वह चिकित्सक से परामर्श लेकर दूर कर सकती है। नशे की मनोवृत्ति में सबसे अधिक उनके द्वारा किया गया मोटीवेंशन अहम है।

बारह साल पुरानी शराब की आदत्त छुड़ाई-
ग्राम गगहरा निवासी महिला के पति को शराब की बारह साल पुरानी लत थी। इससे पूरा परिवार प्रभावित हो रहा था। यह देख उन्होंने अपने पति की शराब के नशा छुड़ाने का निश्चत किया है। इसके लिए उन्हें प्रेरित किया। अचानक नशा छोड़े तो कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आई,लेकिन उनकी जगह दवा करवाने के बाद वह बिल्कुछ स्वास्थ्य हो गए है। पिछले दो साल से शराब बंद है। इससे उनका स्वास्थ्य पहले से सुधर गया और परिवार भी खुशहाल है।
सविता द्विवेदी गृहणी

तम्बाकू व गुटखे का नशा छुड़ाया-
ग्राम पचोखर निवासी अपने पति के तम्बाकू एवं गुटखे की नशा करते थे। इसके सेवन से होने वाली बीमारियों का डर सता रहता था। वहीं परिवार की आर्थिक स्थिति में असर पड़ता था। इसे लेकर उन्होंने गुटखा व तम्बाकू छोडऩे क ो लेकर उन्हें प्रेरित किया। इस दौरान कई बार झगड़ा हुआ है लेकिन बाद में वह नशा छोडऩे को तैयार हो गए। धीरे- धीरे तम्बाकू की जगह काली मिर्च व मुरेठी का उपयोग करने लगे। पिछले दो सालों से अब तम्बाकू व गुटखा कोई नशा नहीं कर रहे है।
सीमा तिवारी
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