भाजपा के 234 छोटे-बड़े हाईटेक
प्रचार रथ, जवाब में नीतीश ने उतारा अपना रथ, पासवान की युवा एक्सप्रेस रथ, तो वहीं लालू टमटक से कर रहे हैं प्रचार
पटना। सतयुग से
कलियुग आ गया, परंतु सत्ता के लिए रथ और सारथी की कहानी नहीं बदली। कभी राम और
कृष्ण ने रथ पर सवार होकर धर्मयुद्ध लड़ा था, आज लोकतंत्र की दलीय राजनीति में
बिहार में हर दल के “सूरमा” रथ की सवारी कर एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। बिहार
की राजनीति हाईटेक रथ से प्रचार अभियान में रंग गई है।
नीतीश कुमार, लालू यादव और
नरेन्द्र मोदी के संदेश और उपदेश रथ से जनता को दिए जा रहे हैं। 90 के दशक में
कांग्रेस से बगावत कर बाहर आए वीपी सिंह के रथ ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया
था। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की 25 दिसम्बर 1990 को सोमनाथ से शुरू
हुई रथयात्रा, 1996 में सुराज यात्रा, 1997 में स्वर्ण जंयती यात्रा ने भाजपा को
राजनीति में चमकाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
अब बिहार विधानसभा चुनाव में
करो या मरो की स्थिति से गुजर रही भाजपा के एक नहीं पूरे 234 छोटे-बड़े हाईटेक
प्रचार रथ बिहार के मैदान में उतर चुके हैं। जवाब में नीतीश का रथ प्रदेश में दौड़
रहा है। नीतीश ने रथ तो लालू ने टमटम को बिहार की गलियों में उतार दिया है।
रामविलास पासवान की लोजपा का युवा एक्सप्रेस रथ भी मैदान में सरपट भाग रहा है,
जिसमें पासवान के सांसद पुत्र चिराग पासवान युवाओं को लोजपा से जुड़ने का आह्वान कर
रहे हैं।
नीतीश की स्पेशल वैन, तो लालू की टमटम मोदी का मुकाबला करने और
घर-घर बात पहुंचाने के लिए लालू और नीतीश ने स्पेशन वैन और रथ बनाए हैं। हालांकि
राष्ट्रीय जनता दल के एक हजार टमटम भाजपा के परिवर्तन रथों का मुकाबला करने के लिए
मैदान में उतर चुके हैं। राजद का आरोप है कि भाजपा के करोड़ों रूपए के रथ के
मुकाबले टमटम सस्ते और किफायती हैं। राजद का कहना है कि जहां नहीं पहुंचे रथ, वहां
पहुंचे टमटम। हालांकि राजद के प्रमुख लालू और जदयू के नीतीश कुमार विशेष वैन और रथ
से प्रचार करेंगे। इसमें सोफे, एलसीडी और लिफ्ट भी लगी है, जो लोगों को संबोधित
करने के लिए नेताओं को छत पर ले जाएगी।
समीर चौगांवकर Home / Special / बिहार चुनावःहाईटैक रथों पर सवार “महारथी” कर रहे चुनावी जंग की तैयारी