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कटनी

हजारों गरीबों के साथ इस विभाग ने की बड़ी गड़बड़ी, इस जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा

खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग की जांच रिपोर्ट से खुलासा, अत्यधिक मात्रा में अनाज में मिला था कचरा व मिट्टी

कटनीMay 18, 2018 / 11:11 am

balmeek pandey

Civil supply corporation divides non-poor wheat

Civil supply corporation divides non-poor wheat

कटनी. दाने-दाने के लिए मोहताज…, आर्थिक तंगी की हालत में जी रहे गरीबों को दो जून का निवाला आसानी से नसीब हो जाए इसके लिए सरकार उन्हें सस्ते दाम में राशन मुहैया करा रही है, लेकिन जिले में नागरिक आपूर्ति निगम सरकार की योजना को पलीता लगा रहा है। इसका खुलासा खाद्य सुरक्षा प्रशासन की जांच रिपोर्ट में हुआ है। राशन दुकानों में नान के माध्यम से बंटने वाला राशन अमानक पाया गया है। जानकारी के अनुसार खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग को निवार राशन दुकान की शिकायत प्राप्त हुई थी कि उन्हें घटिया स्तर का चांवल और गेहूं बांटा जा रहा है। शिकायत पर फूड ऑफिसर डीके दुबे, संजय गुप्ता सहित एक अन्य अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे। जांच के दौरान गेहूं का सेम्पल लिया था। इसी तरह तेवरी उचित मूल्य की दुकान से भी फूड ऑफिसर ने शिकायत के आधार पर जांच कार्रवाई करते हुए गेहूं का सेम्पल लिया था। पंचनामा कार्रवाई के बाद सेम्पल को सील बंद कर भोपाल लैब में जांच के लिए भेजा गया था। जांच में दोनों ही उचित मूल्य की दुकानों का गेहूं अमानक पाया गया। १०० फीसदी गेहूं में ५० फीसदी से अधिक मिट्टी, कचरा आदि पाया गया और रिपोर्ट में इसे अमानक घोषित किया गया।

किसानों से खरीद रहे बढिय़ा अनाज
नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य विभाग व विपणन विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से बेहतर गुणवत्ता वाले अनाज खरीदने के दावे करता है। समर्थन मूल्य पर खरीदे गई धान की कस्टम मिलिंग के बाद व गेहूं की ग्रेडिंग कराकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन दुकानों में भेजे जाने का प्रावधान है। लेकिन वर्तमान में राशन दुकानों में जो गेहूं व चावल उपभोक्ताओं को वितरित किया जा रहा है उसकी गुणवत्ता चौंकाने वाली है। जांच रिपोर्ट ने भी नान विभाग की करतूतों की कलई खोलकर रख दिया है। इस तरह की व्यापक गड़बड़ी कई विभाग द्वारा की जा रही है और जिम्मेदार अनजान बने हैं।

इनका कहना है
शिकायत पर निवार और तेवरी राशन दुकान से गेहूं का सेम्पल लिया गया था। उसे जांच के लिए भोपाल भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में अमानक सिद्ध हुआ है। इस तरह के कृत्य पर संबंधित आरोपी पर ५ लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान हैं। आगे की जांच कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
डीके दुबे, फूड ऑफिसर।

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