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कटनी

कूडऩ जलाशय का पानी पहुंचना बंद, सैकड़ों किसान प्रभावित, सिंचाई न होने से सूख जाती हैं फसलें

आजतक नहीं हुआ नलजल योजना का काम, शुद्ध पेयजल के लिए परेशान होते हैं ग्रामीण, शासकीय जमीन पर कब्जा होने से रुक रहे हैं विकास काय

कटनीOct 20, 2020 / 09:18 am

balmeek pandey

कूडऩ जलाशय का पानी पहुंचना बंद, सैकड़ों किसान प्रभावित, सिंचाई न होने से सूख जाती हैं फसलें

कूडऩ जलाशय का पानी पहुंचना बंद, सैकड़ों किसान प्रभावित, सिंचाई न होने से सूख जाती हैं फसलें

कटनी/बहोरीबंद. जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत भखरवारा जिसकी कुल जनसंख्या 1931 है। यादव बाहुल्य वाले इस गांव में मूलभूत सुविधाएं तो गायब हैं ही साथ ही गांव जिन माध्यमों से विकास के पथ पर आगे बढ़ सकता है उनका भी खासा अभाव है। खेतों के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा बिजली। ग्रामीणों की गंभीर समस्या पर किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है। ग्रामीण परसराम यादव, विजय यादव, रवींद्र यादव, राजेश दुबे, मोरारी लाल यादव, सन्त कुमार यादव, महेंद्र कुमार यादव ने बताया की गांव की सबसे बड़ी समस्या पटवारी की है। जो नपाई करके लोगों को लड़वाते हैं। दूसरी बड़ी समस्या सिंचाई के पानी की है। बीस साल पहले कूडऩ जलाशय का पानी यहां आता था और यहां से होते हुए तलाब तक जाता था, लेकिन अब नहीं आता। हमारी फसल सूख रही है।

ग्राम-भखरवारा
ग्राम पंचायत-भरखरवारा
आबादी-1931
तहसील-बहोरीबंद
जिला-कटनी
फोटो-24

पेयजल की भी है परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पीने के पानी की समस्या है। गॉंव में नल जल योजना नहीं होने के कारण साफ पीने का पानी नहीं उपलब्ध हो रहा। गांव मं अतिक्रमण भी एक गंभीर समस्या है। शासकीय भूमि में कब्जा होने के कारण न तो खेत के लिए सड़क बन पा रही है ना ही जंगल के लिए। गांव में हाइस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल नहीं होंगे के कारण बच्चों को दूसरे गांव जाना पड़ता है। जिस कारण से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

स्वास्थ्य सुविधाओं अभाव
ग्रामीणों के अनुसार गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र की समस्या है। गांव में उपस्वास्थ्य नहीं होने के कारण छोटी मोटी बीमारी में भी दूसरे गांव जाना पड़ता है। गांव में हमेशा चारों तरफ गन्दगी का आलम रहता है। जिससे बीमारियों का खतरा बना रहता है। इस गाँव में काफी संख्या में लोग पशुपालन भी करते हैं। इसलिए इन्होंने शासन से पशु औषधालय बनाने की भी मांग की है7 खेती के अलावा पशुपालन दूध भी यहां आय का मुख्य स्रोत है।

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