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दक्षिण शक्ति : पश्चिमी मोर्चे पर देश का पहला एकीकृत युद्धभ्यास,30 हजार सैनिक ले रहे भाग

Dakshin Shakti: देश में एकीकृत कमान (Integrated Theatre Commands) से पहले एकीकृत युद्धाभ्यास (Integrated Combat Exercise) की शुरुआत हो चुकी है। भारत की पश्चिमी सीमा (Western Border) पर दक्षिण शक्ति (Dakshin Shakti Exercise) नाम से गुजरात (Gujarat) के सरक्रीक से लेकर जैसेलमेर के रेगिस्तान (Rajasthan) तक अभ्यास किया जा रहा है। कोरोना महामारी के बाद नई तकनीक और समन्वय नीति के साथ यह देश का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है।

Nov 24, 2021 / 04:12 pm

Anand Mani Tripathi

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दक्षिण शक्ति : पश्चिमी मोर्चे पर युद्ध की तैयारी, पाकिस्तान पर आफत भारी

जयपुर

Dakshin Shakti: देश में एकीकृत कमान (Integrated Theatre Commands) से पहले एकीकृत युद्धाभ्यास (Integrated Combat Exercise) की शुरुआत हो चुकी है। भारत की पश्चिमी सीमा (Western Border) पर दक्षिण शक्ति (Dakshin Shakti Exercise) नाम से गुजरात (Gujarat) के सरक्रीक से लेकर जैसेलमेर के रेगिस्तान (Rajasthan) तक अभ्यास किया जा रहा है। कोरोना महामारी के बाद नई तकनीक और समन्वय नीति के साथ यह देश का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है। इसमें भारतीय थल सेना (Indian Army), भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force), भारतीय नौसेना ( Indian Navy), भारतीय तटरक्षक बल (ICG) , सीमा सुरक्षा बल (BSF) सहित स्थानीय पुलिस भी भाग ले रही है।
दक्षिण शक्ति नाम से चल रहे इस युद्धाभ्यास में 30 हजार से अधिक सैनिक भाग ले रहे हैं। यह पहला मौका है जब इस तरह से केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाकर सभी सेनाओं और बलों के साथ युद्धाभ्यास किया जा रहा है। समावेशी युद्धाभ्यास में मुंबई जैसे हमले से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक की कार्रवाई का प्रबंधन और अभ्यास किया जा रहा है। सेनाओं ने इस बार के युद्धाभ्यास में अंतरिक्ष, साइबर, इलेक्ट्रानिक और सूचना के तंत्र को भी शामिल किया है। इसका मकसद देश में थियेटर कमान बनाने के बाद युद्धक परिस्थितियों में सशस्त्र सेनाओं के साथ खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों से बेहतर तालमेल है शामिल है।
…तो इसलिए हो रहा है युद्धाभ्यास

देश में सेना के तीनों अंगों की साझा कमान बनाने पर जोरों से काम चल रहा है। थियेटर कमान बनने के बाद थलसेना, वायुसेना और नौसेना की एकीकृत कमान होग। तीनों अंगों के कामों में दोहराव कम होगा और सैन्य संचालन में सुविधा होगी। आधुनिक स्थिति में कोई अंग अब अकेले युद्ध नहीं लड़ सकता है। ऐसे में कमान बनाने से पहले सशस्त्र सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग के उद्देश्य से दक्षिण-शक्ति युद्धाभ्यास किया जा रहा है।
कच्छ में हुआ सागर शक्ति युद्धाभ्यास

दक्षिण शक्ति युद्धाभ्यास के तहत गुजरात में सेना के साथ स्थानीय बलों ने भी भाग लिया है। सरक्रीक सेक्टर में 19 से 22 नवंबर तक हुए इस अभ्यास को सागर शक्ति का नाम दिया गया। कच्छ के रण से सरक्रीक सेक्टर तक हुए इस युद्धाभ्यास में गुजरात पुलिस,जल पुलिस और यहां तक गुजरात का मत्स्य विभाग भी शामिल रहा।
26 को शौर्य देखने आएंगे राजनाथ सिंह

दक्षिण शक्ति युद्धाभ्यास में चल रही सभी सेनाओं और बलों के समन्वय और शौर्य को देखने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जैसेलमेर पहुंच रहे हैं। वह 26 नवंबर को जैसेलमेर में आएंगे। यहां वह सभी एजेंसियों के साथ हो रहे इस युद्धाभ्यास को देखेंगे।

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