जिले में 1205 आंगनबाड़ी केेंद्र संचालित है,इसमें करीब 95 हजार बच्चे पंजीकृत है। वहीं 204 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में संचालित है। हालांकि बच्चों के लिए यह स्थिति तब और विकट हो जाती है जब यहां कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर बिजली, पानी और पंखों की सुविधा तक नहीं है। इधर,संबंधित अधिकारी केंद्र का समय बदलाव होने की बात कह रहे है। इस भीषण गर्मी में छोटों की बात तो दूर बड़ों का भी घरों से निकलना मुश्किल से रहा है। ऐसे में शहर के विभिन्न इलाकों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 साल के मासूम बच्चों को बुलाया जा रहा है।
अखिल राजस्थान महिला बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ की संभाग अध्यक्ष सुमन जैन ने बताया कि भीषण हीटवेब वाली गर्मी में 3 से 6 वर्ष के नौनिहाल आंगनबाड़ी केंद्र में जा रहे है,जबकि सरकारी स्कूलों में 16 तारीख से अवकाश लग चुके है, बावजूद सरकार बच्चों के साथ कैसा भेदभाव कर रही है।अभी केंद्रों में पोषहार वितरण होता है,लेकिन पोषाहार टेक होम राशन के माध्यम से भी दिया जा सकता है। संघ सरकार से मांग करता है कि ऐसी भीषण गर्मी में मई व जून में आंगनबाडिय़ों को बंद रखा जाए।
केंद्र में संचालित सहायिका ने बताया कि नियम एक समान होने चाहिए। सरकारी स्कूलों के बच्चों को ग्रीष्मकालीन अवकाश मिल चुका है तो उसी कैम्पस में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के पंजीकृत बच्चों को भी छूट मिलनी चाहिए।
जानकारी अनुसार गर्मी को लेकर सभी विद्यालयों में बच्चों और अध्यापकों की छुट्टियां घोषित हो चुकी हैं, लेकिन भीषण गर्मी में छोटे मासूम बच्चे दूरदराज से पैदल आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंच रहे हैं। कुछ बच्चों को केंद्र की सहायिका लेने के लिए घर-घर जाती है, लेकिन, भीषण गर्मी को देखते हुए कुछ माता-पिता अपने बच्चों को केंद्र पर भेजने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि कुछ समय पहले निदेशालय से केंद्रों का समय बदलकर सुबह 7 से 11 बजे का किया गया है। लेकिन,गर्मी का असर सुबह 8 बजे से दिखने लगता है।
आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए निदेशालय से फिलहाल अवकाश को लेकर कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए है। यह जरूर है समय में बदलाव हुआ है। जैसे अवकाश के संबंध में आदेश प्राप्त होते है बच्चों की छुट्टियां कर दी जाएगी।
ऋचा चतुर्वेदी,उप निदेशक,महिला एवं बाल विकास,बूंदी