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चार साल बाद भी बूंदी में ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनने का सपना अधूरा

प्रदेश के हर जिले में आमजन को यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनाए जाने थे, लेकिन बूंदी में अभी तक पार्क की फाइल कागजों में घुम रही है। जगह का चयन हुए काफी समय हो गया, लेकिन लाइट-फिटिंग, बोरिंग व चारदीवारी का निर्माण नहीं होने से काम अटका पड़ा है।

बूंदीMay 12, 2024 / 07:23 pm

पंकज जोशी

चार साल बाद भी बूंदी में ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनने का सपना अधूरा

बूंदी में देवपुरा का भूमि जी ट्रैफिक सेफ्टी पार्क के लिए की गई चिन्हित

बूंदी. प्रदेश के हर जिले में आमजन को यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनाए जाने थे, लेकिन बूंदी में अभी तक पार्क की फाइल कागजों में घुम रही है। जगह का चयन हुए काफी समय हो गया, लेकिन लाइट-फिटिंग, बोरिंग व चारदीवारी का निर्माण नहीं होने से काम अटका पड़ा है। या यू कहे कि पूर्ववर्ती सरकार की योजना ठंडे बस्ते में है।
जबकि प्रदेश के 24 जिलों में ट्रैफिक पार्क बनकर तैयार हो गए। चार जिलों में कार्य प्रगति पर है। शेष बचे जिलों में कुछ नहीं हुआ है,जिसमें बूंदी जिला भी शामिल है। प्रदेश के 33 जिलों में यातायात के नियमों की जानकारी देने और लाइसेंस बनवाने से पहले संकेतकों आदि का ज्ञान कराने के लिए ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनाए जाने की तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2020-21 के बजट घोषणा में की थी, लेकिन बूंदी में शुरु से अधिकारियों द्वारा इस पार्क को लेकर रूचि नहीं दिखाने के चलते अब तक चार साल में पार्क का निर्माण नहीं हो सका। बकायदा मुख्यालय द्वारा इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट भी मांगी गई, लेकिन मामला ढाक के तीन पात साबित हो रहा है। योजना कागजों में दफन होकर रह गई। चार साल में मामला सिर्फ भूमि का चयन तक ही सीमित रहा।
सीकर, दौसा,नागौर व बारां में कार्य प्रगति पर
प्रदेश के 24 जिलों में ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनकर तैयार हो गए है। जबकि सीकर, बारां, दौसा व नागौर में कार्य प्रगति पर है। अजमेर जिले में काम शुरु होना है। जबकि सिरोही व करौली में जगह का चयन नहीं हुआ है। टोंक में पार्क बनकर तैयार है,लेकिन यहां चारदीवारी होनी बाकी है।
दो बार भूमि हुई निरस्त
परिवहन विभाग ने सबसे पहले ट्रैफिक सेफ्टी पार्क के लिए नवल सागर पार्क में जगह देखी। बकायदा जगह चिह्नित भी हो गई,लेकिन आरएसआरडीसी द्वारा जगह निर्धारित मापदंडों के पूरा नहीं होने के चलते निरस्त करनी पड़ी। यहीं स्थिति नैनवां रोड में देखी भूमि के दौरान सामने आया। बाद में यहां ओपन जिम बन गया। बाद में कलक्टर के हस्तक्षेप के बाद यहां देवपुरा रोड पर खसरा संख्या-548 में पार्क के मुताबिक भूमन्का चयन किया गया,लेकिन बावजूद अब तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। स्थिति जस की तस बनी हुई है।
लगनी है सिम्यूलेटर मशीन
यातायात के नियम बताने व वाहन चलाने के लिए प्रायोगिक प्रशिक्षण कंप्यूटराइज तरीके से देने के लिए सिम्यूलेटर मशीन लगाई जानी है। इसमें वाहन चलाने से पूर्व प्रशिक्षण में वास्तविक रूप से गाड़ी चलाने का अनुभव होता है। इस तकनीक में एक बड़ा टीवी स्क्रीन लगा होता है, जिसे देखकर प्रशिक्षण लेने वालों को लगता है कि वह सड़क पर गाड़ी चला रहे है। प्रशिक्षण लेने के बाद चालक छोटे या बड़े वाहन जो वह सीख रहे हैं,उसे वह खुद चला कर सीख सकते हैं।
पार्क में यह लगने है जागरूकता के लिए
बूंदी में बनने वाले ट्रैफिक सेफ्टी पार्क में आमजन को यातायात नियमों की जानकारी से रूबरू कराया जाएगा। पार्क में सडक़ सुरक्षा चिह्न, आदेशात्मक चिह्न, रुकने, रास्ता देने, प्रवेश निषेध, सड़क मार्ग की लंबाई-चौड़ाई और ऊंचाई, मोड़ अंधे मोड़, भार सीमा, गति सीमा आदि के साथ यातायात से जुड़ी अन्य सभी जानकारियों के बोर्ड लगाए जाने है,जिससे देखकर ही नियमों की जानकारी हो जाती है। पार्क में बकायदा लोग घुमने के साथ यातायात नियमों से भी जागरूक हो सकेंगे।
कई पत्र लिखे
परिवहन विभाग पहले भूमि को लेकर नगर परिषद को पत्र लिखता रहा,लेकिन अब भूमि फाइनल हुई तो वहां चारदीवारी, लाइट फिटिंग और बोरिंग आदि के निर्माण के चलते मामला अटका हुआ है। नगर परिषद काम शुरु करे तो बूंदी में भी आमजन अन्य जिलों की तरह ट्रैफिक सेफ्टी पार्क में यातायात नियमों से रूबरु हो सके।
आमजन को यातायात नियमों की जानकारी मिलने के उद्देश्य से ट्रैफिक पार्क बूंदी में भी बनना था,लेकिन नगर परिषद द्वारा चिह्नित भूमि पर अब तक चारदीवारी, लाइट फिटिंग व बोरिंग का निर्माण नहीं कराने से मामला अटका हुआ है।
प्रमोद लोढ़ा, जिला परिवहन अधिकारी, बूंदी

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