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डिंडोरी

इलाज के नाम पर फल फूल रहा कारोबार,प्रशासन मौन

अमरपुर मे झोलाझाप डाक्टर कर रहे स्वास्थ्य से खिलवाड

डिंडोरीMay 24, 2019 / 10:10 pm

Rajkumar yadav

Fruits flourishing in the name of treatment, administration muted

Fruits flourishing in the name of treatment, administration muted

अमरपुर। आदिवासियो के भोलेपन का फायदा भला वो क्यो न उठाए जिन्होने जिंदगी से खेलने के लिए दुकाने खोल रखी है। योग्यता का पता नही है लेकिन हर मर्ज की दवा इन डाक्टरो के पास है। प्रशासन ने न जाने क्यो कार्यवाही के नाम पर चुप्पी साध रखी है। जिले के ग्रामीण अचंल मे अदिवासियो को इलाज के नाम पर ठगने का क्रम निरन्तर जारी है। जिले की अमरपुर ब्लाक अन्तगर्त अनेको ग्रामो मेे यह कारोबार जमकर फैला हुआ है,लेकिन कारोबारियो पर अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही नही हो सकी है । जबकि नीम हकीम कहलाने वाले ये चिकित्सक जिदगी से खेलने का काम कई अर्से से कर रहे है। मौत के सौदागर जिस तरह से इस कारोबार को फैलाए हुए है उससे ऐसा लगता है कि कही न कही कार्यवाही करने वालो एव इनके बीच अच्छी साठगाठ है।
प्रषासन के पास इन झोलाझाप चिकित्सको की सूची होने के बावजूद कार्यवाही नही होना सदेहो को जन्म देता है।ऐसा लगता है कि झोलाझाप चिकित्सक प्रषासन पर भारी पड रहे है ,तभी तो इन चिकित्सको की सूची ही लगता है नदारत हो गई है। जनपद मुख्यालय अमरपुर सहित आसपास के अनेको ग्रामो मे ही कई ऐसे झोलाझाप चिकित्सक अच्छी खासी दुकाने खोलकर बैठै हुए है। गौरतलब है कि इनमे से कई ऐसे चिकित्सक भी हैं जो इत्तफाक से कक्षा 8 वीं की परीक्षा भी पास नही कर सके है,लेकिन उनके इलाज करने के तौर तरीके देखकर एमबीबीएस चिकित्सक भी फेल नजर आते है। कई बार इन चिकित्सको के कारण अनपढ,गरीब आदिवासीयो को अकारण मौत की नींद सोना पडा हैं वही ले देकर मामले को निचले स्तर पर ही रफा दफा कर दिया जाता है। जिस कारण इनके उपर किसी प्रकार की कार्यवाही नही हो पाती है और साठगाठ के दमपर उक्त झोलाझापो के व्दारा लगातार क्षेत्र मे अपनी पैठ जमाई जा रही है। जिले मे कितने झोलाझाप चिकित्सक है,इसकी जानकारी पशासन को है। इसकी सूची भी बकायदा बनाई गयी है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नही हुई। जिन दवाईयों को सरकारी तौर पर प्रतिबंधित किया गया है वो दवाईयां भी इन चिकित्सको के पास उपलब्ध रहती है। वहीं ऐसी दवाइया भी इनके व्दारा उपयोग मे लायी जाती है जो खुले बाजार मे न मिल कर मात्र षासकीय सप्लाई की होती है।अब यह दवाइया कहा से कैसे कोन इनको उपलब्ध कराता है यह एक विचारनिय प्रश्न है। प्रशासन ने इस मामले पर अब तक सख्त कदम क्यो नही उठाया जबकि जिला प्रशासन व्दारा इन झोलाझाप चिकित्सको की जाचं सम्बधि जिला स्तरीय व ब्लाक स्तरीय समिति का गठन किया गया था जिनको प्रत्येक माह इन मामलो की जाच करके इनके विरूद्ध कार्यवाही की जानी थी ,किन्तु यह एक महज एक औपचारिकता पूर्ण कार्यवाही तक ही सीमित रह गई है। जिस कारण वर्तमान मे जिले के ग्रामीणो को इन नीम हकीमो से मुक्ति मिलती नही दिख रही है।

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