पिछले 3 सालों से सवयं सहायता समूह से जुड़ी सुचिता जैन लॉक डाउन के चलते घर पर ही हस्त निर्मित उत्पाद तैयार करने में लगी है पेपर मशिंग हुनर में पहचान कायम करने वाली सुचिता पिछले 10 सालों से इस क्रिएटिव काम को करने में लगी है और अपने हुनर से कई महिलाएं बालिकाओं को प्रशिक्षण के साथ रोजगार भी मुहैया करवा रही है वेस्ट मैटेरियल से तैयार करने वाली कई क्रिएटिव उत्पाद बनाने के साथ पर्स, कुशन कवर, मसाला उत्पाद भी तैयार करती है।
लॉकडाउन में कई बच्चे और युवा घर पर अपनी प्रतिभाओं को हैंड मेड चीजे बनाकर निखार रहें है। इन दिनो यूथ में हैंड मेड प्रोडक्ट का क्रेज बढऩे लगा है। प्रोडक्ट बनाकर इसे वैकेशन के तौर पर इस्तेमाल कर रहें है। लॉकडाउन में घर मे कई हैंडमेड चीजे बनाई जा रही है। इनमें डेकोरेटिव आइटम्स को लेकर सबसे ज्यादा काम हो रहा है। डॉ. निधि प्रजापति का कहना है कि घर में खाली समय में जिस भी चीज को सुंदर बना सकते है उसे सुंदर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ये आज से करीब 30 40 साल पुरानी ग्रामोफोन के रिकॉर्ड है जो बेकार पड़े थे पापा ने कभी फैकने नही दिए तो आज उनपर पेंटिंग करके घर को सजाने के लिए पेंटिंग बनाई है। इससे समय तो पास हो रहा है और क्रिएटिविटी भी आ रही है।