scriptकोरोना की लड़ाई में कैसे महाशक्तियों से आगे निकल गए छोटे देश | How the small countries overtook the superpowers in the Battle of Coro | Patrika News
खास खबर

कोरोना की लड़ाई में कैसे महाशक्तियों से आगे निकल गए छोटे देश

-किसी ने समय से खतरे को भांप लिया तो किसी ने चिकित्सा सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया
someone sensed the danger in time, then someone expanded medical facilities rapidly.

May 24, 2020 / 06:32 pm

pushpesh

कोरोना की लड़ाई में कैसे महाशक्तियों से आगे निकल गए छोटे देश

वियतनाम में स्कूलों में भी सावधानियां बरती जा रही हैं।

न्यूयॉर्क. लियो टॉल्सटॉय ने कहा है, सभी सफल देश एक जैसे हैं, लेकिन असफलता के लिए उनके अपने तरीके जिम्मेदार हैं। कोरोनावायरस महामारी ने विश्व का वैचारिक वर्गीकरण कर दिया है। दुनिया की तीन महाशक्तियों अमरीका, रूस और ब्रिटेन इस वक्त कोरोना के प्रकोप से बुरी तरह प्रभावित हैं। इस बीच कुछ छोटे देशों ने कोरोना के खिलाफ शुरुआती सफलता हासिल करने के बाद दुनिया में अपनी पहचान बनाई। इसलिए शक्तिशाली देशों के लिए यह अध्ययन का विषय है कि छोटे देश कैसे सफल हुए।
1. जॉर्जिया
करीब 37 लाख की आबादी वाला रूस के पड़ोसी देश जॉर्जिया में 700 से कम मामले सामने आए और 12 जान गई। महामारी पर अंकुश लगाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तारीफ की है।
क्या किया : शुरुआत में ही हवाई अड्डों पर थर्मल जांच, अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर रोक लगाकर जॉर्जिया ने महामारी को काबू किया। इसके अलावा यात्रा प्रतिबंध और फिजिकल डिस्टेंसिंग के प्रभावी उपाय किए।
2. वियतनाम
कोरोनावायरस के महज 318 मामले सामने आए। इनमें 50 सक्रिय हैं और अब तक कोई मौत नहीं हुई। एक माह से कोई संक्रमित नहीं आया। समय-समय पर लोगों को सभी माध्यमों से समझाया गया।
क्या किया : अमरीकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अधिकारी मैथ्यू मूर के मुताबिक, वियतनाम ने सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को अनुकरणीय ढंग से लागू किया है। जांच और परीक्षण में तेजी के साथ ही कम्युनिकेशन को ज्यादा सरल बनाया।
3. घाना
करीब तीन करोड़ की आबादी वाले घना में 1 लाख 60 हजार से अधिक लोगों का परीक्षण हो चुका है, जो दक्षिण अफ्रीका के बाद दूसरी बड़ी जांच की दर है। 5600 से अधिक संक्रमित पाए गए, जबकि 28 मौत हुई हैं।
क्या किया : बड़े स्तर पर जांच ने देश की गई। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की। देश में 65 फीसदी युवाओं की आबादी है, इसलिए जनसांख्यिकी भी घाना के लिए वरदान साबित हुई है।
4. कोस्टारिका
50 लाख की आबादी वाला कोस्टारिका कोरोना की पुष्टि करने वाला लैटिन अमरीका का पहला देश है। 6 मार्च को पहला केस मिला। दो माह में 850 मामले और 10 मौतों पर ही देश ने लॉकडाउन से अंकुश लगा दिया।
क्या किया : लैटिन अमरीका के अन्य देशों की मुकाबले यहां लोग ज्यादा अनुशासित हैं और सरकार पर भरोसा अधिक है। आर्थिक असमानता और गरीबी के बावजूद सरकार और निजी संस्थानों ने भरपूर आर्थिक मदद की।
5. लेबनान
महामारी आने से पहले लेबनान दशकों के भ्रष्टाचार के कारण आर्थिक संकट और राजनीतिक गतिरोध से जूझ रहा था। 70 लाख की आबादी वाले देश में दस लाख सीरियाई और फिलिस्तीनी शरणार्थियों की चुनौती अलग। 900 मामले सामने आए और 26 मौत हुई।
क्या किया : लेबनान ने फरवरी के शुरू पहला केस आते ही त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी। लॉकडाउन किया गया। मई के मध्य प्रतिबंधों में ढील दी गई, लेकिन लोग सतर्क रहे।
6. न्यूजीलैंड
23 मार्च को प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने लॉकडाउन लगाने से पहले 48 घंटे का समय दिया। लोगों ने अनुशासन के साथ पालन किया। 50 लाख की आबादी वाले देश में अभी 1500 मामले हैं और 21 मौत हुई हैं।
क्या किया : समय रहते प्रधानमंत्री ने महामारी को भांप लिया और लॉकडाउन के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को तेजी से विस्तार किया। जांच का दायरा बढ़ाया। अर्डर्न की लोकप्रियता में 65 फीसदी की वृद्धि हुई है।
(मौत और संक्रमितों के आंकड़े 21 मई तक)

Home / Special / कोरोना की लड़ाई में कैसे महाशक्तियों से आगे निकल गए छोटे देश

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो