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भारत के चौथे नौवहन उपग्रह IRNSS-1D का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण

देश के चौथे नौवहन उपग्रह IRNSS-1D का अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
किया गया

Mar 28, 2015 / 05:51 pm

सुनील शर्मा

चेन्नई। देश के चौथे नौवहन उपग्रह IRNSS-1D का अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। इस उपग्रह को लेकर भारतीय रॉकेट शनिवार शाम 5.19 बजे आंध्र प्रदेश में चेन्नई से लगभग 90 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए दागा गया।

अपने प्रस्थान के लगभग 20 मिनट के अंदर रॉकेट यानी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-27) पृथ्वी से करीब 506 किलोमीटर दूर जाने के बाद भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस)-1डी को अलग कर देगा। इसके बाद उपग्रह अपने गंतव्य की ओर अग्रसर होगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि शनिवार तड़के रॉकेट के दूसरे चरण में ईधन भरने का काम पूरा हो गया और उसके बाद उसे छोड़े जाने की उल्टी गिनती शुरू की गई। उल्लेखनीय है कि यह उपग्रह पहले 9 मार्च को प्रक्षेपित किया जाना था परन्तु तकनीकी खराबी के चलते ऎसा संभव नहीं हो सका।

भारत ने इस क्षेत्र एवं देशभर के उपभोक्ताओं को स्थान की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अब तक सात उपग्रहों की श्रंृखला के हिस्से के रूप में तीन क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह छोड़ चुके हैं। इससे लोगों को 1,500 किलोमीटर तक के क्षेत्र की जानकारी मिल सकती है। इससे पहले प्रक्षेपित तीन उपग्रह सही तरीके से काम कर रहे हैं।

प्रत्येक उपग्रह की लागत करीब 150 करोड़ रूपये होती है, जबकि पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण के रॉकेट को विकसित करने में 130 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। सातों उपग्रह के लिए 1,420 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है। इसरो के अनुसार, आईआरएनएसएस श्रृंखला के सातों उपग्रहों के छोड़ने का कार्य साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।

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