scriptहोलिका दहन से देगें स्वच्छ भारत और पर्यावरण संरक्षण का संदेश | Know about holika dahan holi shubh muhurt | Patrika News
जबलपुर

होलिका दहन से देगें स्वच्छ भारत और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

20 को होगा होलिका दहन, विभिन्न रूपों में बनाई जा रही हैं मूर्तियां

जबलपुरMar 16, 2019 / 12:51 am

abhishek dixit

Holi celebration

Holi celebration

जबलपुर. पुरातन समय से ही होलिका को बुराई का प्रतीक मानकर जलाया जाता है। अब भी होलिका को जलाने की परम्परा काफी उत्साह से मनाई जाती है, लेकिन उसके साथ कई ऐसी बुराइयों को जलाया जाता है जो सामाजिक तौर पर जुड़ी हुई हैं। इसमें कभी होलिका स्वच्छता का संदेश देती है, तो कभी आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करती है। कुछ इस तरह के संदेश ही होलिका दहन के दिन विभिन्न प्रतिमाओं के जरिए देखने को मिलेंगी। 20 मार्च को होलिका दहन के लिए शहर भर के मूर्तिकारों द्वारा प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का काम शुरू हो चुका है।

अलग-अलग संदेशों के साथ
इस बाद होलिका प्रतिमाओं के साथ कचरा राक्षसी, चाइना माल का बहिष्कार, पॉल्यूशन जैसी बुराइयों को जलाया जाएगा। इसके साथ ही प्रहलाद को स्वच्छ भारत, पर्यावरण संंरक्षण, सेव ट्रीज के मैसेज देते हुए प्रतिमा की गोद में बिठाला जा रहा है। मूर्तिकारों का कहना है कि हर बार लोगों की डिमांड के अनुसार मूर्तियों को सजाया जाता है।

तीन दिनों में कई ऑर्डर
शहर के मूर्तिकारों का कहना है कि होलिका दहन के लिए सिर्फ तीन दिन ही बाकी है। ऐसे में बड़ी संख्या में ऑर्डर भी पूरी करना है। अलग-अलग थीम पर लोगों ने प्रतिमाओं के ऑर्डर दिए हैं, जो कि तीन दिनों के हिसाब से अब दिन-रात एक करके बनाए जा रहे हैं। मिट्टी की प्रतिमाओं पर फोकस किया जा रहा है, ताकि हार्म फुल कलर्स का उपयोग भी कम करना पड़े।

अब सिर्फ सिम्पल मूर्तियों पर फोकस
मूर्तिकार शक्ति प्रजापति का कहना है कि पिछले कुछ समय से अब मूर्तियां सिम्पल हो चुकी हैं। कुछ समय पहले तक लोगों की डिमांड पर अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं बना दी जाती थीं, जो फिल्मी कैरेक्टर से जुड़ी रहती थी। अब प्रशासन की सख्ती के बाद सिर्फ साधारण मूर्तियों को ही बनाया जा रहा है। इसके बजाय अब किसी न किसी बातों का संदेश देती हुई प्रतिमाओं की डिमांड सबसे ज्यादा है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो