सूखाग्रस्त नामीबिया जानवर बेचने को मजबूर
सूखाग्रस्त नामीबिया वन्य जीवों की जान बचाने और जीवों के संरक्षण के लिए एक हजार जानवरों की बिक्री करेगा।
सूखाग्रस्त नामीबिया जानवर बेचने को मजबूर
सूखाग्रस्त नामीबिया ने इस बात की पुष्टि की है कि वन्य जीवों की जान बचाने और अन्य जीवों के संरक्षण के लिए धनराशि एकत्र करने के उद्देश्य से वह एक हजार जानवरों की बिक्री करेगा। जिन जानवरों को बेचा जाएगा उनमें सभी राष्ट्रीय उद्यानों से 600 रोग मुक्त भैंस, 150 स्प्रिंगबॉक, 65 ऑरेक्स, 60 जिराफ, 35 ईलैंड, 28 हाथी, 20 इम्पाला और 16 कुदूस शामिल हैं। पर्यावरण मंत्रालय के प्रवक्ता रोमियो मुयुंडा ने कहा कि यह वर्ष सूखा वर्ष है इसलिए संरक्षित क्षेत्रों के घास के मैदानों को बचाने और वन्य जीवों के प्रबंधन व उद्यानों के लिए 1.1 मिलियन अमरीकी डॉलर की राशि जुटाने के मकसद से नामीबिया ने जानवरों को बेचने का फैसला किया है। स्थानीय अधिकारियों ने यहां पिछले माह ही राष्ट्रीय आपदा की घोषणा की है। नामीबिया के मौसम विभाग का अनुमान है कि देश के कुछ हिस्सों को 90 वर्षों में सबसे घातक सूखे का सामना करना पड़ा रहा है। मुयुंडा के अनुसार हमारे अधिकांश पार्कों में चराई की स्थिति बेहद खराब है और अगर हम जानवरों की संख्या कम नहीं करते हैं, तो इससे भुखमरी के कारण जानवरों को नुकसान होगा। कुछ माह पहले आई कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सूखे की चपेट में आने की वजह से वर्ष 2018 में 63,700 जानवरों की मौत हो गई। नामीबिया 24 लाख लोगों का देश है, जहां पर पांच लाख से अधिक लोगों को सूखा, प्रभावित कर चुका है। पूर्व में सरकार ने घोषणा की थी कि वह भोजन खरीदने, पानी के टैंकर उपलब्ध कराने और किसानों को सब्सिडी प्रदान करने के लिए इस साल सूखा राहत पर 39,400 डॉलर खर्च करेगी। वर्तमान में नामीबिया का हर पांच में से एक शख्स सूखे से त्रस्त है और ऐसे में सरकार ने सहयोगी देशों से मदद की अपील भी की है। देश के उत्तर में नदियांं सूख गई हैं और सूखे से पशुधन सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।