नई दिल्ली। पानी की प्लास्टिक बोतलों से अब पर्यावरण को पहले जैसा खतरा नहीं होगा। दरअसल पोलैंड की एक पानी पैक करने वाली कंपनी ने इको फ्रैंडली बोतल बनाने का दावा किया है। पानी की नई बोतल सिर्फ 300 सालों में ही नष्ट हो कर मिट्टी में मिल जाएगी। पोलैंड की पानी पैकजिंग कंपनी पोलैंड स्प्रिंग के अनुसार, हमारी पानी की नई बॉटल मात्र तीन शताब्दी में ही विघटित हो मिट्टी में मिल जाएगी। यह इंडस्ट्री में प्रचलित बोतलों से 200 साल पहले विघटित हो जाएगी।
कंपनी के प्रवक्त ने कहा, इससे लैंड फिल साइट्स, समुद्री कचरे, और मिट्टी में घुल रहे जहरीले रसायनों में कमी आएगी। इसके अलावा कंपनी ऐसे बॉल्स के ऐसे ढक्कन बनाने पर काम कर रही है जो जिससे गलती से समुद्री जीवों के निगल लेने के बाद भी कम खतरा हो।
सामान्य प्लास्टिक बोतलों का विघटन औसतन 1000 साल में होता है। जिसकी वजह से लैंडफिल साइटें जल्द भर जाती हैं। क्लीन एयर कौंसिल के अनुसार, अमेरिका में लोग हर घंटे लगभग 2.5 मिलियन प्लास्टिक बोतल फेंकते हैं।
होते हैं जहरीले रसायन
प्लास्टिक बोतलों को कई जहरीले रसायनों से मिलाकर बनाया जाता है। जो कि मानव शरीर के हार्मोन्स पर नाकारात्मक असर डालते हैं। इसमें बिस्फिनॉल ए और फथालेट्स जैसे रसायन शामिल हैं। यह तत्व बोतल में बंद पानी में तापमान बढऩे के बाद घुलते हैं।
रिसाइकिलिंग में खर्च होता है भारी ईंधन
प्लास्टिक बोतलों को बनाने से लेकर उसे रिसाइकिल करने तक में भारी ईंधन खर्च होता है। एक अनुमान के मुताबिक अमेरिका में हर साल प्लास्टिक बोतलों को रिसाइकिल करने में लगभग एक मिलियन बैरल से अधिक क्रूड ऑयल खर्च होता है।
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