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किताबें पढऩा, बढ़ा सकता है आपकी जिंदगी

हाल ही में हुआ एक अध्ययन दावा करता है कि जो लोग प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक किताबें पढ़ते हैं, वह किताबें न पढऩे वाले लोगों की अपेक्षा लगभग 2 साल ज्यादा जीते हैं।

Aug 11, 2016 / 07:05 pm

Deepika Sharma

Ravan Sanhita Ke Upay and totke

Ravan Sanhita Ke Upay and totke

अगर सालों से लोग आपको ‘किताबी कीड़ा’ कहकर चिढ़ाते हुए आए हैं, तो अब आपके लिए एक अच्छी खबर है। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन से साबित हुआ है कि जो लोग प्रतिदिन 30 मिनट या उससे ज्यादा किताबें पढऩे में गुजारते हैं, उनकी जिंदगी लंबी होती है।

हाल ही में हुआ यह अध्ययन 50 और उससे अधिक उम्र के 3,635 लोगों पर किया गया। जिसमें पाया गया कि जो लोग किताबें पढ़ते हैं वह, किताबें न पढऩे वालों की अपेक्षा ज्यादा जीते हैं। 



सिर्फ साढ़े तीन घंटे बढ़ा सकते हैं जीवन
येल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक टीम द्वारा किए इस अध्ययन का दावा है कि ज्यादा पढऩे वाले लोग ज्यादा जीते हैं। यदि हफ्ते में सिर्फ साढ़े तीन घंटे निकाले जाएं तो भी यह आपके लिए बेहतर हैं।

यह अध्ययन सिर्फ पढऩे और उससे लंबा जीवन होने के बारे में बताती है, लेकिन इसके कारण या यह कैसे प्रभाव करता है पर कोई परिणाम नहीं देती है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि पढऩे से व्यक्ति का दिमाग ज्यादा एक्टिव और स्वस्थ्य रहता है, जो सेहत को सुधारता है। 

किताब है आपके दिमाग की जिम
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे आपके शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए एक्सरसाइज की जरूरत है, वैसे ही पढऩा आपके दिमाग की कसरत कराता है। यानी किताबें आपके दिमाग के लिए किसी जिम की तरह हैं। 

रिसर्च के मुताबिक जो लोग फिक्शन पढऩे से व्यक्ति के भीतर हमदर्दी, लोगों से जुडऩे की भावना जैसे भाव पैदा होते हैं। इस अध्ययन में यह भी पाया गया है कि अखबार या मैग्जीन पढऩे की अपेक्षा किताबें पढऩे वालों की उम्र ज्यादा लंबी होती है।

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