scriptझड़ा तालाब के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन से कब्जा हटाया | Removed occupied land from the government land near the 'zara talab' | Patrika News
नागौर

झड़ा तालाब के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन से कब्जा हटाया

अतिक्रमण हटाकर अतिक्रमियों को लगाई फटकार

नागौरJul 20, 2018 / 12:12 pm

shyam choudhary

nagaur news

नागौर. कर्मचारियों को निर्देश देते आयुक्त प्रभातीलाल जाट।

नागौर. झड़ा तालाब के पास खाली सरकारी जमीन पर किया गया अतिक्रमण गुरुवार को हटाया गया। नगर परिषद आयुक्त प्रभातीलाल जाट टीम के साथ वहां पहुंचे और बावड़ी के पास स्थित शनि मंदिर के आसपास सरकारी जमीन पर किया गया अतिक्रमण हटाया। परिषद के दस्ते ने जेसीबी से पक्की दीवारे व तारबंदी हटाई। निर्माण कार्य करने के लिए लोगों द्वारा डाली गई सामग्री भी जब्त की। आयुक्त ने सख्त हिदायत दी कि भविष्य में भी किसी तरह का अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त ने लगाई फटकार

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत झड़ा तालाब के पास अमरसिंह छतरियों के निकट स्थित ऐतिहासिक बावड़ी के संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। बिना कोई नुकसान पहुंचाए बावड़ी के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए नगर परिषद ने बावड़ी के आसपास तारबंदी करवाई थी। यहां पर कुछ लोगों की ओर से निर्माण कार्य कर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था। जानकारी मिलने पर नगर परिषद मौके पर पहुंचा व जेसीबी की मदद से अतिक्रमण हटाकर अतिक्रमियों को फटकार लगाई।

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सूचना नहीं देने पर पांच हजार का जुर्माना
नागौर. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं करवाने पर सूचना आयोग ने बांसवाड़ा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जानकारी के अनुसार नागौर के आरटीआई कार्यकर्ता आईदान फिड़ौदा ने बांसवाड़ा वृत के सार्वजनिक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता से दो बिन्दुओं की सूचना चाही थी। समय पर सूचना उपलब्ध नहीं करवाने पर आवेदक फिड़ौदा ने अपील की। प्रथम अपील अधिकारी के आदेश के बावजूद सूचना उपलब्ध नहीं करवाने पर प्रत्यार्थी ने दूसरी अपील सूचना आयोग में की।

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रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
नागौर. रोडवेज की एटक यूनियन की ओर से गुरुवार को केन्द्रीय बस स्टैंड पर प्रदर्शन किया गया। नागौर इकाई अध्यक्ष हरीराज जाजड़ा ने कहा कि सरकार रोडवेज को बंद करने का कुचक्र रच रही है। कर्मचारियों के रिक्त पदों को नहीं भरने तथा वेतन व डीए संबंधी मांगों पर ध्यान नहीं देने से साफ जाहिर है कि वह जनहित को अनदेखा करने लगी है। निर्धारित लक्ष्य से अधिक की पूर्ति करने के बाद भी रोडवेज कर्मियों की उपेक्षा असहनीय एवं समझ से परे हैं। इस दौरान रोडवेज कर्मियों ने परिसर में रैली निकाली और सरकार के विरोध में मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री का पुतला जलाया।

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