scriptVIDEO: उदयपुर का ये IAS पहले जज और फिर रहा पुलिस अधिकारी लेकिन कैसे पाई IAS की मं जिल… जानिए उन्हीं की जुबानी | success story of IAS siddarth sihag, Udaipur | Patrika News
खास खबर

VIDEO: उदयपुर का ये IAS पहले जज और फिर रहा पुलिस अधिकारी लेकिन कैसे पाई IAS की मं जिल… जानिए उन्हीं की जुबानी

– स्मार्ट सिटी के सीईओ और म्यूनिसिपल कमीश्नर सिद्धार्थ सिहाग से खास बातचीत
 

उदयपुरJul 05, 2018 / 11:48 pm

madhulika singh

ias siddarth sihag

बिना कोचिंग जज, पुलिस ऑफिसर और आईएएस बने सिद्धार्थ

मुकेश हिंगड़/उदयपुर. यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है..। तमाम चुनौतियों और विपरीत परिस्थितियों को झुकाकर अपनी मंजिल पर सफलता का झंडा फहराने वाले ऐसे ही शख्स हैं, उदयपुर नगर निगम के कमिश्नर और स्मार्ट सिटी सीईओ सिद्धार्थ सिहाग। इनकी पढाई और फिर आईएएस तक का सफर युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। इनकी मंजिल थी कि मैं आईएएस ऑफिसर बनकर समाज की सेवा करूं। इस पथ के सफर से पहले इन्हें न्यायिक सेवा का रास्ता मिला और फिर पुलिस सेवा में आए लेकिन मंजिल तो भारतीय प्रशासनिक सेवा ही थी, यही जुनून था। फिर क्या बिना कोचिंग सफलता की साधना पूरी मेहनत से की और आज परिणाम हमारे सामने हैं। किस तरह सिद्धार्थ सिहाग पहले जज और फिर पुलिस अधिकारी बने और कैसे उन्होंने आईएएएस परीक्षा उत्तीर्ण की, उन्हीं की जुबानी।

टारगेट और हार्डवर्क के साथ जरूर मिलेगी सक्सेस
‘अगर आप टारगेट और हार्डवर्क के साथ पढ़ाई-लिखाई करते हैं तो आप कभी पीछे रहने वाले नहीं हैं, आप चाहे जो सोच लें वह सक्सेस आपको जरूर मिलेगी। कॉलेज में आने के बाद ठाना था कि प्रशासनिक अधिकारी ही बनना है, इसके लिए बहुत मेहनत की। मैं स्कूलिंग के बाद पंचकुला से सीधे हैदराबाद गया। देहली ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा पास करने के बाद देहली के सिविल जज मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट पर चयन हो गया। ट्रेनिंग कर ही रहा था कि आईएएस का परिणाम आ गया और 148वीं रैंक मिली। मुझे ऐसे में आईपीएस कैडर मिला और मैं नेशनल पुलिस एकेडमी हैदराबाद गया। आईपीएस की ट्रेनिंग के साथ ही आईएएस बनने का सपना नहीं छोड़ा और उसकी तैयारी भी जारी रखी। आईएएस की परीक्षा पूरी तैयारी के साथ दी और मुझे 148 से सीधे 42वीं रैंक मिली। इसके लिए मैंने कोई कोचिंग नहीं की। अलबत्ता 10 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई जरूर की। तीनों ही कॉम्पीटिशन के लिए कोचिंग नहीं की। आईएएस की तैयारी के दौरान इंटरनेट से पुराने आईएएस के अनुभव जरूर लिए। वर्धा के तत्कालीन कलक्टर के ब्लॉग से भी नोट मददगार रहे और बाकी पूरा फोकस पढ़ाई पर। उस समय दो ऑप्शनल पेपर होते थे और तब भी बहुत टफ पेपर होते थे। आज के दौर में सामान्य ज्ञान पर पूरा फोकस होना चाहिए। ’
READ MORE : Good News : देश के टॉप 10 हॉलीडे डेस्टिनेशंस में उदयपुर, राजस्थान के ये 2 शहर भी हैं शुमार


एक परिचय सिहाग का

हरियाणा के हिसार के छोटे से गांव सिवानी बोलान के है और उनकी पूरी पढ़ाई पंचकुला में ही हुई है। सिहाग की पत्नी रूकमणि सिहाग भी आईएएस है और वर्तमान में डूंगरपुर में जिला परिषद सीईओ है। सिद्धार्थ के पिता दिलबाग सिंह हरियाणा में चीफ टाउन प्लानर के पद से रिटायर्ड हुए तो उनका भाई सिद्धांत दिल्ली में पिछले वर्ष ही जज बना है।

आप कॉम्पीटिशन दे रहे हैं तो सिद्धार्थ के टिप्स

– मॉक इंटरव्यू जरूर साझा करें।
– जीके से अपडेट रहें

– आंसर को बैलेंस रखे
– आत्मविश्वास कभी नहीं खोएं

– अफवाहों से दूर रहे
– अपनी कैपेबिलिटी पर भरोसा रखे
– दो साल तैयारी करें, फिर अटेम्प्ट देंगे ऐसा नहीं करें
– हर अटेम्प्ट जरूर दें

– इन्टरनेट से भी अपडेट रहे
– नियमित पढ़ाई का तय शिड्यूल रखें

Home / Special / VIDEO: उदयपुर का ये IAS पहले जज और फिर रहा पुलिस अधिकारी लेकिन कैसे पाई IAS की मं जिल… जानिए उन्हीं की जुबानी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो