मेघना कहती हैं कि मैं ‘सेंड योर साड़ी’ प्रोजेक्ट भी चलाती हूं, जो पिछले पांच वर्ष से चल रहा है। इसमें महिलाएं पुराने कपड़े और साड़ियों के बैग व सूटकेस लेकर मेरे पास आती हैं। साड़ियों के साथ काम करने में समय लगता है, क्योंकि प्रत्येक कपड़े के टुकड़े पर व्यक्तिगत रूप से काम करना पड़ता है। मेरा काम ताइवान, इंग्लैंड, केन्या, श्रीलंका, जर्मनी, स्वीडन, बेल्जियम और नीदरलैंड में भी शुरू हो चुका है।
मेघना कहती हैं कि मैं फैब्रिक के खजाने को ऐसे नष्ट नहीं होना देना चाहती थी, यह बिना इस्तेमाल के ही खराब हो रहा है। रोज बढ़ती हुई मांग के चलते भारी मात्रा में नया कपड़ा बनाया जा रहा है, लेकिन पुराने कपड़ों को अपसाइकल नहीं किया जा रहा, इसलिए उन्होंने यह काम शुरू किया।