रोनाल्डो के साथ अवॉर्ड की दौड़ में अंतिम तीन खिलाड़ियों में उन्हीं के क्लब के गैरेथ बेल और एक अन्य स्पेनिश क्लब एटलेटिको मेड्रिड के स्ट्राइकर एंटोइने ग्रीजमैन शामिल थे। रोनाल्डो इससे पहले 2014 में यह अवॉर्ड जीत चुके हैं, जिसके बाद 2015 का अवॉर्ड उनके प्रतिद्वंद्वी क्लब बार्सिलोना के करिश्माई स्ट्राइकर लियोनेल मेसी ने जीता था। बचपन में स्कूल से निकाले गए रोनाल्डो ने इसेंएक मौके के रूप में लिया और दुनिया भर में अपने खेल के दम पर प्रसिद्धी पाई। आइए जानते है रोनाल्डो के जीवन के कुछ अनजाने पहलुओं के बारे में…
पढ़ाई छूटी तो फुटबॉल से नाम कमाया 14 साल की उम्र में रोनाल्डो को स्कूल से निकाल दिया गया, क्योंकि उन्होंने अपनी टीचर पर कुर्सी फेंक दी थी। इस घटना के बाद उनकी मां ने कहा कि अब उसके सामने यही रास्ता बचा है कि वह पूरा ध्यान फुटबॉल पर दे। रोनाल्डो अपने घर और परिवार से दूर लिस्बन स्पोर्टिंग अकादमी में फुटबॉल ट्रेनिंग शुरू कर दी। चार साल बाद 2003 में मैनचेस्टर यूनाइटेड ने अकादमी की टीम से एक दोस्ताना मैच खेला।
इस मैच में रोनाल्डो का खेल देखकर विजेता टीम मैनचेस्टर यूनाइटेड के रियो फर्डिनांड, रियान गिग्स और पॉल स्कोल्श ने अपने कोच सर एलेक्स फग्रुसन से उसे टीम में शामिल करने की सिफारिश की और रोनाल्डो एक ट्रेनिंग अकादमी से निकलकर सीधे जाने-माने क्लब से जुड़ गए। चर्चा में रहते हैं हमेशा रोनाल्डो अपने खेल के अलावा अन्य कारणों से भी हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। कभी अपनी हेयर स्टाइल तो कभी विवादित बयान।
कभी गर्लफ्रेंड बनाने और छोड़ने के किस्से तो कभी पूरे विश्व में सबसे ज्यादा कमाई वाले खिलाड़ी की चर्चाओं के चलते वे सुर्खियों में छाए रहते हैं। कड़ी मेहनत से बनाया मुकाम बचपन में कमजोर बच्चा माने जाने वाले और बीमारी से ग्रसित रहे रोनाल्डो ने कड़ी मेहनत और लगन से अपना मुकाम बनाया। उनके मैनचेस्टर यूनाइटेड में साथी खिलाड़ी रहे गिरार्ड पिक (फिलहाल बार्सिलोना) कहते हैं कि रोनाल्डो एक हार्ड वर्कर हैं जो हमेशा ज्यादा और ज्यादा हासिल करना चाहते हैं।
वे एक महत्वाकांक्षी मशीन हैं। यह साबित करता है उनका करियर रिकॉर्ड। 10 वर्षों के इंटरनेशनल करियर में से सात साल उन्होंने अपना परफॉर्मेस पिछले साल के मुकाबले बेहतर किया है। फुटबॉलर रियो फर्डिनांड कहते हैं रोनाल्डो की सबसे बड़ी ताकत है उनका साहस। इसमें दम चाहिए कि जब आप बॉल लेकर चलें और विरोधी खिलाड़ी आपको ही किक मार रहे हों। रुकना नहीं जानते रोनाल्डो रोनाल्डो रुकते नहीं हैं, वे खुद के प्रति सख्त होते चले जाते हैं।
वे अपने आपको बेहतर साबित करने के लिए अपने ही रिकॉर्ड से होड़ लगाते हैं। यह उनकी मेहनत और लगन का नतीजा है कि गोल करने के मामले में वे 63 प्रतिशत तक सटीक हैं। 2009 से रियाल मैड्रिड की ओर से खेल रहे रोनाल्डो कहते हैं कि मेरे पास चैम्पियंस लीग है, लेकिन मैं एक और चाहता हूं। सर बॉबी चार्लटन, जिडान, मेराडोना, पेले की तरह ही मेरा भी सपना है कि मैं अपने देश को एक वर्ल्ड कप जीतूं।