रिपोर्ट के अनुसार, रविंदर पाल सिंह कोरोना संक्रमण से उबर चुके थे। उनका कोविड टेस्ट भी नेगेटिव आ गया था और वे कोरोना वार्ड से भी बाहर आ चके थे, लेकिन शुक्रवार को अचानक उनकी हालत बिगड़ी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। शनिवार सुबह उनका निधन हो गया। लॉस एंजिलिस ओलिंपिक 1984 खेल चुके रविंदर पाल सिंह 1979 जूनियर विश्व कप भी खेले थे। हॉकी छोड़ने के बाद उन्होंने स्टेट बैंक से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी।
सीतापुर में जन्में रविंदर ने 1979 से 1984 के बीच हॉकी में शानदार प्रदर्शन किया। दो ओलिंपिक के अलावा वे 1980, 1983 में चैंपियंस ट्रोफी और 1982 विश्व कप और 1982 एशिया कप भी खेले थे। खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने रविंदर पाल सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। रीजीजू ने कहा कि यह जानकर अपार दुख हुआ है कि श्री रविंदर पाल सिंह जी कोरोना से जंग हार गए। भारत ने मॉस्को ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम का एक स्वर्णिम सदस्य खो दिया। भारतीय खेलों में उनके योगदान को याद रखा जाएगा।
हॉकी इंडिया में भी शोक की लहर
हॉकी इंडिया ने भी रविंदर पाल सिंह के निधन पर शोक जताया है। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोंबम ने कहा कि हॉकी इंडिया रविंदर पाल सिंह के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता है। रविंदर ने भारतीय हॉकी में अपार योगदान दिया और उनकी उपलब्धियां हमेशा याद रखी जाएंगी। इस कठिन समय से उबरने के लिये उनके परिवार और दोस्तों को ईश्वर शक्ति दे।