क्या है हरी जर्सी के पीछे का राज
गौरतलब है कि आरसीबी मैनेजमेंट पर्यावरण को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ाने की मुहिम चला रही है । इस मुहिम के मद्देनजर आरसीबी टीम हर वर्ष आइपीएल के किसी एक मैच में हरी जर्सी पहनकर उतरते हैं। इसके माध्यम से पूरी टीम पर्यावरण के प्रति अपने समर्पण को दर्शाते हुए ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं।
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कैसे तैयार होती है हरी जर्सी
आरसीबी की हरे रंग की जर्सी को प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल करके बनाया जाता है। आरसीबी के मैचों के दौरान मैदान से इकट्ठा की गई तमाम प्लास्टिक की बोतलों से इस जर्सी को बनाया जाता है। इसके लिए तकरीबन 11000 प्लास्टिक की बोतलों को इकट्ठा किया जाता है, जिसके इस्तेमाल से हाई एंड इको फ्रैंडली कपड़ा बनाया जाता है और इसके जरिए टीम की जर्सी को बनाया जाता है।
आपको बता दें कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आरसीबी की जर्सी को डिजाइन किया गया है। आरसीबी की इस हरी जर्सी को प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकल करके बनाया जाता है। मज्जेदार बात यह है कि यह प्लास्टिक की बोतलें मैंच के दौरान दर्शकों द्वारा उपयोग कर फैंकी गई होती है। इन बोतलों को इकट्ठा करके पहले रिसाइकल किया जाता है। बता दें कि आरसीबी की हरी जर्सी को बनाने के लिए करीब 11 हजार प्लास्टिक बोतलों को जमा किया जाता है। फिर उसे रिसाइकल करके हाई एंड इको फ्रैंडली कपड़ा बनाया जाता है। इसी कपड़े से आरसीबी की हरी जर्सी तैयार होती है।