आपित्त के बाद रोका गया था रिजल्ट
गौरतलब है कि कुछ देशों में उनके क्लासिफिकेशन कैटेगरी को लेकर आपत्ति उठाई थी जिसके बाद उनके रिजल्ट को होल्ड पर रख दिया था। लेकिन जांच में वो सही नहीं पाए गए इसलिए उनको ब्रॉन्ज मेडल नहीं दिया जाएगा।
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एफ52 कैटेगरी में लिया था हिस्सा
भारत के डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार ने पैरालंपिक में एफ52 कैटेगरी में हिस्सा लिया था। इस कैटेगरी में उन एथलीट्स को शामिल किया जाता है, जिनकी मांसपेशियों मे कमजोरी होती है। अंग में कमी, पैर की लंबाई असमान होती है। ऐसे खिलाड़ी व्हीलचेयर पर बैठकर कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेते हैं। विनोद कुमार 41 वर्ष के हैं। उन्होंने रविवार को 19.91 मीटर का बेस्ट थ्रो कर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) के पीछे रहे जिस कारण उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मिला।