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पिता की हत्या के बाद मां ने लोन और पेंशन फंड से दिलाई ट्रेनिंग, आसान नहीं था तूलिका मान का सिल्वर मेडल तक का सफर

CWG 2022: तूलिका मान जब 2 साल की थी तब उनके ता सतबीर मान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके पिता की हत्या कारोबारी दुश्मनी के चलते की गई थी। जिसके बाद से उन्हें उनकी मां ने ही संभाला है। उनकी मां ने लोन और पेंशन फंड से तूलिका की सभी जरूरतें पूरी की और उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स के सिल्वर मेडल तक पहुंचाया।

Aug 04, 2022 / 01:27 pm

Siddharth Rai

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तूलिका मान ने जूडो में 78+ किलो वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता है।

Commonwealth Games 2022 Tulika Mann: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। भारत अबतक 18 पदक जीत चुका है। इसमें पांच गोल्ड, छह सिल्वर और सात ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। भारत ने सबसे ज्यादा 10 मेडल वेटलिफ्टिंग में जीते हैं, जबकि तीन पदक जूडो, एक-एक मेडल बैडमिंटन, टेबल टेनिस, लॉन बॉल्स, स्क्वॉश और एथलेटिक्स में आए हैं। इन मेडलों में एक मेडल महिला जूडो खिलाड़ी तूलिका मान का भी है। तूलिका ने जूडो में 78+ किलो वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता है। फाइनल में उन्हें स्कॉटलैंड की सारा एडलिंग्टन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, जिसके चलते वे गोल्ड मेडल से चूक गईं।

23 साल की तूलिका मान शुरुआत से ही जूडो की सबसे प्रतिभावान खिलाड़ियों में शामिल रही हैं। वो राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। लेकिन तूलिका का कॉमनवेल्थ मेडल तक का सफर इतना आसान नहीं था। तूलिका की मां अमृता सिंह दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर है। उनके पिता भी पुलिस में थे लेकिन आज से 21 साल पहले जब वे महज 2 साल थी, तब उनके पिता सतबीर मान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तूलिका दो बहनों सबसे बड़ी हैं। तूलिका की मां अमृता ने अपनी बेटी का हमेशा मार्गदर्शन किया है।

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पिता की मौत के बाद मां अमृता भी पुलिस की ड्यूटी में बीजी रहने लगीं। तूलिका की देखभाल के लिए घर पर कोई नहीं था और पुलिस स्टेशन से दूर वह कुछ घंटे बिता सके इसके लिए उसे जूडो क्लब में भर्ती कर दिया गया। जहां उन्होंने एक पूर्व भारतीय अंतरराष्ट्रीय और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित सोलंकी के अंदर ट्रेनिंग शुरू की थी। सोलंकी ने बताया कि तूलिका आज जो कुछ भी है वह अपनी मां की वजह से है।

तूलिका की मां का कहना है कि उन्हें खेल में आज भी कोई दिचस्पी नहीं है। लेकिन अपनी बेटी को इस स्तर तक पहुंचाने के लिए सबकुछ किया है। अमृता ने तूलिका की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लिए और पेंशन फंड से पैसे निकाले। अमृता ने बताया कि उसके बुरे दौर में भी अपनी मानसिकता को सकारात्मक बनाए रखने की कोशिश की।

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बता दें कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में तूलिका के अलावा जूडो में सुशीला देवी ने सिल्वर और विजय कुमार ने ब्रोंज पदक जीता है।

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