23 साल की तूलिका मान शुरुआत से ही जूडो की सबसे प्रतिभावान खिलाड़ियों में शामिल रही हैं। वो राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। लेकिन तूलिका का कॉमनवेल्थ मेडल तक का सफर इतना आसान नहीं था। तूलिका की मां अमृता सिंह दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर है। उनके पिता भी पुलिस में थे लेकिन आज से 21 साल पहले जब वे महज 2 साल थी, तब उनके पिता सतबीर मान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तूलिका दो बहनों सबसे बड़ी हैं। तूलिका की मां अमृता ने अपनी बेटी का हमेशा मार्गदर्शन किया है।
भारत समेत इन 4 टीमों ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, 6 अगस्त से शुरू होगी मेडल की जंग
पिता की मौत के बाद मां अमृता भी पुलिस की ड्यूटी में बीजी रहने लगीं। तूलिका की देखभाल के लिए घर पर कोई नहीं था और पुलिस स्टेशन से दूर वह कुछ घंटे बिता सके इसके लिए उसे जूडो क्लब में भर्ती कर दिया गया। जहां उन्होंने एक पूर्व भारतीय अंतरराष्ट्रीय और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित सोलंकी के अंदर ट्रेनिंग शुरू की थी। सोलंकी ने बताया कि तूलिका आज जो कुछ भी है वह अपनी मां की वजह से है।
तूलिका की मां का कहना है कि उन्हें खेल में आज भी कोई दिचस्पी नहीं है। लेकिन अपनी बेटी को इस स्तर तक पहुंचाने के लिए सबकुछ किया है। अमृता ने तूलिका की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लिए और पेंशन फंड से पैसे निकाले। अमृता ने बताया कि उसके बुरे दौर में भी अपनी मानसिकता को सकारात्मक बनाए रखने की कोशिश की।
तेजस्विन ने हाई जंप में रचा इतिहास, गुरदीप ने वेटलिफ्टिंग में भारत को जिताया 10वां मेडल
बता दें कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में तूलिका के अलावा जूडो में सुशीला देवी ने सिल्वर और विजय कुमार ने ब्रोंज पदक जीता है।