रिजिजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘इस तरह के निर्णय सार्वजनिक रूप से नहीं लिए जाते और न ही इनका ढिंढोरा पीटा जाता है। सभी पहलुओं के अध्ययन के बाद ही सोच विचार कर कोई निर्णय लिया जायेगा।’
उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति से हल्के में नहीं निपटा जा सकता और बयानबाजी से प्रभावित हुए बिना ही निर्णय लिया जायेगा। रविवार को उरी सेक्टर में सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे और 25 से अधिक घायल हो गए थे।
हमले के बाद सरकार ने कई उच्च स्तरीय बैठकें की हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थिति की समीक्षा के साथ-साथ आगे की कार्रवाई पर भी चर्चा की है।