scriptश्रीगंगानगर में सफाई कराने के लिए अब कोर्ट का आदेश, फिर भी बदहाल शहर | Court order now for cleaning in Sriganganagar | Patrika News
श्री गंगानगर

श्रीगंगानगर में सफाई कराने के लिए अब कोर्ट का आदेश, फिर भी बदहाल शहर

still in bad city इलाके में गंदगी अधिक होने के कारण मच्छर और मक्खयिों का प्रकोप अधिक हो गया है।

श्री गंगानगरAug 08, 2019 / 03:35 pm

surender ojha

Court order

श्रीगंगानगर में सफाई कराने के लिए अब कोर्ट का आदेश, फिर भी बदहाल शहर

श्रीगंगानगर(Sriganganagar) शहर के वार्ड 23 में बिगड़ी सफाई व्यवस्था सुधारने और मच्छरों के प्रकोप को खत्म करने के लिए फोगिंग मशीन के माध्यम से कराने के लिए नगर परिषद और सीएमएचओ को पाबंद किया गया है।
इन दोनों संस्थाओं के जिम्मेदार अधिकारियों को हर महीने रिपोर्ट जिला कलक्टर और उपखंड अधिकारी को देने के लिए जिम्मेदारी भी लगाई है। यह निर्णय जिला स्थायी लोक अदालत ने दिया है। इस अदालत के अध्यक्ष नरेश चुघ, सदस्यों अजय मेहता व जेपी गौतम ने बुजुर्ग अधिवक्ता के ब्लॉक निवासी राधेश्याम गोयल की ओर से दिए परिवाद पर यह निर्णय सुनाया।
अदालत में अधिवक्ता गोयल ने परिवाद में बताया कि वार्ड 23 में नेहरू पार्क में सुबह लोग घूमने जाते है, वहीं इस पार्क के पास विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थी पढऩे भी जाते है। इस दौरान गंदगी के ढेर इतने अधिक है कि विद्यार्थी और लोग परेशान रहते है। सफाई कराने के लिए नगर परिषद अधिकृत है। पार्षद डाक्टर भरतपाल मय्यर भी मानदेय वेतन लेकर सफाई कराने के लिए उतरदायी है लेकिन वे भी सफाई व्यवस्था बनाए रखने में सफल नहीं हो पाए है।Court order
इस इलाके में गंदगी अधिक होने के कारण मच्छर और मक्खयिों का प्रकोप अधिक हो गया है। इधर, जवाहरनगर पुलिस थाने से सटे जे ब्लॉक पार्क की दीवार पर बने मूत्रालय को दुरुस्त नहीं करने, पार्क की दीवार के पास कचरा प्वांइट बनाकर गंदगी फैलाने और रेहड़ी स्थल बनाने की समस्याओं का निराकरण नहीं करने पर दायर परिवाद पर अदालत ने नगर परिषद पर साढ़े पांच हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। इन समस्याओं का निराकरण नहीं करने पर नगर परिषद के दोषी कार्मिकों से संयुक्त या अलग अलग रोजाना एक-एक सौ रुपए पैनल्टी की वसूली करने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की रिपोर्ट एक माह के अंदर कोर्ट पेश करने के भी आदेश किए है।
यह निर्णय जिला स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष नरेश चुघ, सदस्यों अजय मेहता व जेपी गौतम ने सुनाया। अधिवक्ता राधेश्याम गोयल ने बताया कि वार्ड 44 तेली मोहल्ला निवासी मैना शर्मा पुत्री हनुमानदास शर्मा की ओर से अदालत में नगर परिषद के आयुक्त व स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ परिवाद पेश किया गया। इसमें बताया कि वह अपनी बहन राधा शर्मा के साथ निवास कर रही है।
उनके घर के सामने पार्क की दीवार के साथ नगर परिषद ने छोटा सा शौचालय निर्माण करवा रखा है। इस शौचालय की हालत खराब है, पानी निकासी भी नही होती। सफाई की बजाय वहां गंदगी पसरी रहती है। ऐसे में मोहल्ले और राहगीर इस शौचालय की बजाय लोग दीवार के पास ही लघु शंका करते है। इस अश्लीलता के कारण उनके और आसपास की महिलाएं घर से बाहर तक नहीं निकल पाती है।
इसके अलावा पार्क की दीवार के पास कंटेनर की आड़ में कचरा स्थल बना दिया है, यहां कचरे का उठाव तक नहीं होता।

वहीं कई लोगों ने निर्माण सामग्री जैसे ईंटें, रेता आदि बेतरीक रखकर आवाजाही प्रभावित कर दी है। इसके अलावा रेहड़ी बांधने का स्थल तक बना दिया है।
इस कारण पशुओं और शौचालय करने वाले लोगों के मल मूत्र होने से इलाके में इतनी गंदगी हो चुकी है कि वहां रहना भी दुश्वर हो गया है।

लगातार शिकायतों के बावजूद नगर परिषद प्रशासन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है। परिवादी की ओर से मानसिक व आर्थिक एवं शारीरिक परेशानी के लिए पचास हजार रुपए और अधिवक्ता शुल्क ग्यारह हजार रुपए कुल 61हजार रुपए का अनुतोष मांगा।
नगर परिषद गैर हाजिर होने पर एक पक्षीय सुनाया निर्णय इस मामले की लगातार सुनवाई के दौरान नगर परिषद प्रशासन की ओर से कोई पक्ष नहीं रखा गया।

यहां तक कि नोटिस जारी होने के बावजूद नगर परिषद गैर हाजिर रही तो अदालत इस प्रकरण में एक पक्षीय निर्णय सुना दिया। इससे पहले परिवादी की ओर से मोहल्ले के कुछ लोग गवाहों के तौर पर और संबंधित स्थल की फोटोग्राफी भी पेश की गई। अदालत ने आदेश दिया कि नगर परिषद तत्काल वहां शौचालय की मरम्मत कर उसे इस्तेमाल की हालत में करने, सार्वजनिक पार्क की आवाजाही में बाधा डालने वाले पशुओं या जानवर बांधने से मुक्त दिलाने, भवन निर्माण सामग्री हटाया जाएं।
ऐसा नहीं होने पर नगर परिषद दोषी कार्मिकों की पहचान कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने और दोषी कार्मिकों पर प्रतिदिन एक एक सौ रुपए का जुर्माना वसूला जाएं, जुर्माना राशि व विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट एक माह के अंदर अदालत में पेश करने के लिए भी नगर परिषद को पाबंद किया गया है।
इसके साथ साथ नगर परिषद को परिवाद व्यय ढाई हजार रुपए और क्षतिपूर्ति के एवज में तीन हजार रुपए कुल साढ़े पांच हजाररुपए हर्जाना चुकाने के भी आदेश जारी किए है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो