इलाका निवासी सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियर अश्वनी शर्मा बताते हैं कि यह गड्ढा सीवरेज के प्रथम चरण के कार्य के दौरान बिछाई गई सीवरेज लाइन में हुआ है। इस सीवरेज लाइन के चालू होने प इलाके का गंदा पानी यहां से होते हुए निकासी होगी, लेकिन यहां क्षतिग्रस्त गड्ढे को भरने के लिए इसमें कचरा डाल दिया गया है। इससे इस लाइन में पानी का प्रवाह होने पर यह कचरे को लाइन के दोनों तरफ फैला देगा और यह लाइन जाम होने का कारण बनेगा।
उनका कहना है कि अभी सीवरेज लाइन चालू नहीं हुई है, और इस दौरान इसके क्षतिग्रस्त होने पर इसमें कचरा डाल कर यहां गड्ढा पाट दिया गया है। सीवरेज चालू होने तक इस व्यवधान को लगभग भूल जाएंगे। इस क्षतिग्रस्त गड्ढे ठीक करने का सही तरीका यही था कि यहां सीवरेज कवर लगवा दिया जाता लेकिन ऐसा नहीं करके अस्थाई रूप से गड्ढा पाटने का प्रयास किया गया है।
निर्माण कंपनी पर करेंगे कार्रवाई
मामला जानकारी में आने के बाद नगर विकास न्यास अध्यक्ष संजय महिपाल का कहना था कि इस मामले में सीवरेज निर्माण कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी। महिपाल का कहना था कि सीवरेज निर्माण के प्रथम चरण में निजी कंपनी ने कार्य किया है। मामला संबंधित कंपनी की जानकारी में लाया जाएगा, और उसे यह व्यवधान ठीक करवाने के लिए कहा जाएगा। उनका कहना था कि प्रथम चरण में हुए सीवरेज कार्य में कई जगह कमियां हैं। संबंधित कंपनी सीवरेज शुरू होने के बाद दस वर्ष तक इसकी देखरेख करेगी।