कोविड-19 की नई गाइड लाइन की पालना के तहत गुरुद्वारे में संगत को वहां बैठने की अनुमति नहीं होगी लेकिन अरदास करने के लिए मास्क पहने से एंट्री मिल पाएगी। शाम को घर घर दीपक जलाकर इलाके की समृद्धि की कामना की जाएगी। वहीं गुरुद्वारा प्रबंध समितियों ने लंगर की बजाय भोजन के पैकेट बांटने का निर्णय लिया है।
जिला मुख्यालय पर मुख्य कार्यक्रम जी ब्लाक स्थित गुरुद्वारा श्री गुरुनानक दरबार में मनाया जाएगा। इस गुरुद्वारा परिसर के बाहर और अंदर भव्य सजावट की गई है। प्रकोशोत्सव पर हर साल होने वाले कार्यक्रम इस बार कोरोना काल की वजह से टाल दिए गए है लेकिन गुरुद्वारा में शबद कीर्तन के माध्यम से गुरु को अरदास करने का कार्यक्रम होगा।
गुरूद्वारा प्रधान गुरबचन सिंह वासन ने बताया कि समागम में कोरोना गाइडलाइन की सख्ती से पालना करते हुए केवल मास्क पहन कर आए श्रद्धालुओं को ही गुरुद्वारा साहिब में प्रवेश करने दिया जाएग। इसके अलावा गुरुद्वारा साहिब के बाहर सैनेटाइजर व थर्मल स्कैनर से जांच की जाएगी। सेवादारों की टीम पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी पर तैनात रहेगी। उन्होंने बताया कि संगत को गुरुद्वारे में बैठकर कीर्तन सुनने और लंगर खाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस बार सोशल डिस्टेन्सिंग की पालना करते हुए गुरूद्वारा साहिब में संगत के प्रवेश व निकासी हेतु दो अलग-अलग गेट पर व्यवस्था की गई है। गुरूद्वारा प्रबन्धक समिति ने समूह संगत से अपील की है कि गुरुद्वारे में व्यवस्थाओं में पूरा सहयोग कर कोरोना गाइडलाइन की पालना से गुरू साहिब का आशीर्वाद प्राप्त करें।
इससे पहले रविवार शाम को प्रकोशोत्सव के उपलक्ष में घरों में दीपक जलाकर गुरु साहिब से इलाके के सुख समृद्धि की कामना की गई।
वासन ने बताया कि सोमवार सुबह 7 बजे श्री सुखमनी साहिब पाठ व 10 बजे श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग के उपरांत दोपहर 3 बजे तक कीर्तन दीवान सजाया जाएगा, जिसमें रागी जत्थे भूपेंद्र सिंह कमल, मलकीत सिंह, पाल सिंह पारस, कथावाचक सन्तोख सिंह, श्री सुखमनी साहिब सेवा सोसायटी व स्त्री सत्संग सभा के सदस्य कीर्तन द्वारा संगत को निहाल करेंगे। दीवान हाल में ज्यादा भीड़ न हो इसके लिए गुरूद्वारा परिसर के बाहर एलईडी लगाई गई है। सोमवार रात को आतिशबाजी नहीं की जाएगी।