क्या है मामला
करीब एक पखवाड़ा पूर्व युवक गगनदीप ङ्क्षसह पुत्र सरबजीत ङ्क्षसह मजहबी सिख गजङ्क्षसहपुर से काम काज करके अपने गांव 11 एफएफ के लिए रवाना हुआ था। गांव पहुंचने से पहले ही गगनदीप सडक़ दुर्घटना में घायल हो गया। जिसके बाद राहगीरों ने युवक को राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया। लेकिन युवक की हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद श्रीगंगानगर रेफर कर दिया। इसके बाद श्रीगंगानगर में चार-पांच दिन इलाज चलने के बाद उसे जयपुर इलाज के लिए भेज दिया। जयपुर में गगनदीप कोमा में चला गया। जिसके बाद युवक ने बुधवार को इलाज के दौरान तम तोड़ दिया। उधर, पुलिस सडक़ दुर्घटना को लेकर जांच पड़ताल कर रही थी। थाना प्रभारी राकेश सांखला ने बताया कि मृतक गगनदीप ङ्क्षसह का 1 मई को सडक़ दुघर्टना में घायल हो गया था। उसके पांच दिन बाद पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया गया। जिसकी जांच पड़ताल चल रही थी। उधर, युवक के दम तोडऩे की सूचना जैसे ही गांव में पहुंची तो ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। जिसके बाद मृतक के शव को साथ लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर पुलिस थाने पहुंचने लगे। ग्रामीणों के पुलिस थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने सुरक्षा की ²ष्टि से मैन गेट पर बैरिकेड्स लगाकर ग्रामीणों को बाहर ही रोक दिया। इसी बात को लेकर ग्रामीण पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर कर नारेबाजी कर मुख्य गेट के समक्ष धरना लगाकर बैठ गए। वहीं, परिजनों का कहना है कि गगनदीप की प्लाङ्क्षनग के तहत हत्या की गई है। इस मामले को लेकर पुलिस को आरोपियों का भी बताया गया। लेकिन पुलिस मामले को दबाने का प्रयास कर रही और आरोपियों को पकड़ नहीं रही है। सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि इस मामले को पुलिस हत्या से जोडकऱ जांच पड़ताल की जानी चाहिए।
वार्ता सफल होने के बाद उठाया धरना
पुलिस ने पांच-सात लोगों को पुलिस उप अधीक्षक से वार्तालाप करने के लिए बुलाया। लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस को उनके साथ बाहर आकर ही वार्तालाप करनी होगी। जिसके बाद मामला उग्र होते देख पुलिस उप अधीक्षक संजीव चैहान ने धरना स्थल पर वार्ता की। लेकिन ग्रामीणों ने हत्या करने का आरोप लगाकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद विधायक रूपेन्द्र ङ्क्षसह कुन्नर भी धरना स्थल पर पहुंच गए। इसके बाद फिर से पुलिस के साथ वार्तालाप की गई। इस पर पुलिस उपाधीक्षक संजीव चौहान ने कहा कि सात दिवस में मामले की निष्पक्ष जांच पड़ताल की जायेगी। अगर मामले में कोई दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाही की जाएगी। इसके बाद दोनो पक्षों में सहमति बनने के बाद धरना उठा लिया।