पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि पुलिस टीमों की ओर से घटना स्थल व आसपास इलाके में सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी सहयोग, गोपनीय सूचना के आधार पर गांव बोलावाली संगरिया हनुमानगढ़ हाल वार्ड नंबर 19 शनि मंदिर के पास पुरानी आबादी में एक पीजी निवासी विशाल पचार उर्फ बबलू पचार पुत्र इंद्राज को गिरफ्तार किया गया। वहीं पुलिस ने आरोपी विशाल के साथी गांव भागू अबोहर बहाववाला फाजिल्का पंजाब निवासी दीपक जाखड़ पुत्र सज्जन कुमार व गांव जोडकिया घमूडवाली निवासी मंगेश बिश्नोई पुत्र सुरेश कुमार को राउंडअप किया गया है। जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है। पूछताछ में गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए जल्द टीमें भेजी जाएंगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों की धरपकड़ के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहीराम बिश्नोई के निर्देशन में सीओ सिटी अरविंद बेरड के सुपरविजन में टीमों का गठन किया गया।
पंजाब में बैठे आरोपी ने कराई फायरिंग – फायरिंग मामले में गिरफ्तार आरोपी विशाल पचार ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि विशाल पचार शराब के ठेके पर सेल्समैन का कार्य करता था। पिछले एक-दो साल से दुतारावाली अबोहर पंजाब निवासी सचिन थापन नाम के व्यक्ति के संपर्क में है। सचिन थापन ने विशाल पचार के साथ अन्य युवक भेजकर टांटिया हॉस्पिटल पर अंधाधुंध फायरिंग कराई थी। पंजाब में बैठे सचिन थापन ने विशाल को कहा था कि पहले कार्य कराओ उसके बाद रुपए आने पर दिए जाएंगे।
वसूली के लिए हो सकती है फायरिंग – एसपी ने बताया कि हॉस्पिटल पर फायरिंग का उद्देश्य अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। आरोपियों से पूछताछ के बाद ही कुछ पता चल सकेगा। जांच में हॉस्पिटल संचालक या किसी स्टाफ को किसी प्रकार की धमकी का कॉल या मैसेज नहीं आया है। ऐसे में उद्देश्य पहले फायरिंग करवाकर दहशत फैलाना व मामला शांत होने के बाद वसूली करना हो सकता है। जबकि अब तक बदमाश पहले धमकी देते हैं और फिर फायरिंग आदि की वारदात करते हैं लेकिन इस मामले में पहले फायरिंग कर दी गई।
जॉर्डन हत्याकांड में भी रहा संदिग्ध – एसपी ने बताया कि आरोपी विशाल कुछ साल पहले हुए जॉर्डन हत्याकांड में संदिग्ध रहा था। जिससे पुलिस ने भी पूछताछ की थी। आरोपी के उस समय पंजाब की गैंग से जुडऩे होने का संदेह था। पुलिस उस दिशा में भी जांच-पड़ताल कर रही है। वारदात के खुलासे में जिला विशेष टीम के कांस्टेबल अश्वनी कुमार की विशेष भूमिका रही।
मामले में खुलासे में लगाई चार टीमें – इस मामले के खुलासे के लिए चार टीमें बनाई गई। एक में महिला अपराध एवं अन्वेषण सेल के इंस्पेक्टर रणजीत सिंह, कोतवाली थाना प्रभारी विश्वजीत सिंह, जवाहरनगर थाना प्रभारी नरेश निर्वाण, हैडकांस्टेबल अब्दुल जब्बार शामिल रहे। दूसरी में डीएसटी प्रभारी एवं सदर थाना प्रभारी कुलदीप चारण, एसआई पवन सहारण, दारासिंह, एचसी सुनील कुमार, कृष्ण कुमार, कांस्टेबल राजकुमार, अश्विनी, दयाराम, संदीप, पवन लिम्बा, अजयप्रताप व दिनेश रहे। तीसरी में एसआई रामविलास, एएसआई सुरेन्द्र ज्याणी, कांस्टेबल कृष्ण साहू, विकास गोदारा, नरपत, तथा चौथी में पुरानी आबादी थाना प्रभारी कश्यप सिंह, एचसी दयाराम व साइबर सेल से एचसी योगेश कुमार शामिल रहे।
ये था मामला – बीस जनवरी तडक़े सुबह करीब पांच बजे अज्ञात व्यक्तियों की ओर से टांटिया हॉस्पिटल पर फायरिंग की घटना हुई थी, जिसमें अज्ञात बाइक सवार दो युवकों ने हॉस्पिटल गेट पर अंधाधुंध छह फायर किए थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच मीरा चौकी प्रभारी एसआई रामविलास बिश्नोई को सौंपी थी।