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श्री गंगानगर

सुविधा क्षेत्र में आरक्षित भूखंडों पर भी लगेगा अब मालिकाना हक का ठप्पा

Reserved plots in the comfort zone will also now have the title of ownership- प्रशासन शहरों के संग अभियान की आड़ में अतिक्रमण भी होगा अब वैध

श्री गंगानगरSep 23, 2021 / 12:19 pm

surender ojha

सुविधा क्षेत्र में आरक्षित भूखंडों पर भी लगेगा अब मालिकाना हक का ठप्पा

सुविधा क्षेत्र में आरक्षित भूखंडों पर भी लगेगा अब मालिकाना हक का ठप्पा

श्रीगंगानगर. पुरानी कहावत है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस, यह अब नगर परिषद प्रशासन पर सटीक बैठ रही है। गांधी जयंती पर प्रदेश व्यापी प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे बनाने का दौर शुरू हो जाएगा। इसके लिए अब येनकेन प्रकार से सभी भूखंडधारकों को पट्टे बनाने के लिए डीएलबी ने पूर्व में लगाई पाबंदियों को हटा दिया है।
इस कारण अब शहर के अंदर और शहर से बाहरी एरिया में सुविधा क्षेत्र के लिए आरक्षित भूखंडों के पट्टे की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। जिन कृषि भूमि पर रातोरात कॉलानी बसाकर कॉलोनाइजर भाग चुके थे, अब उन कॉलोनियों में मालिकाना हक की तैयारी की जा रही है।
यूआईटी एरिया में सबसे ज्यादा पट्टे बनाने के लिए लोग तैयार है। नेहरानगर, संजय कॉलोनी, जोगिन्द्र कॉलोनी, बाबादीप सिंह कॉलोनी, शिवाजीनगर, शिवनगर, साधु कॉलोनी, गोविन्दनगर, सेतिया कॉलोनी ऐसी कॉलोनियां जहां अब पट्टे बनाने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर संबंधित अफसरों ने फाइलों को खंगाला है।
वहीं कृषि भूमि पर बसी अनाधिकृत कॉलोनियों को भी प्रशासन शहरों के संग अभियान में मालिकाना हक मिलने से अनाधिकृत का दाग छूट जाएगा। इन कॉलोनियों के लिए भी डीएलबी ने तीस प्रतिशत शुल्क राशि से अधिकृत कॉलोनी की राह निकाली है। अधिकाधिक लोगों को पट्टे देने से इन कॉलोनियों में अब प्रोपर्टी के दामों में एकाएक उछाल आने की संभावना है।
प्रोपर्टी डीलर ताराचंद का कहना है कि अनाधिकृत कॉलोनियों के नाम से भूखंडों का बाजार भाव में था लेकिन जैसे जैसे पट्टे बनेगे तो अनाधिकृत का ठप्पा भी स्वत: हट जाएगा। वहां नगर परिषद या नगर विकास न्यास विकास कार्यो के नाम पर अधिक बजट खर्च कर पाएगी। इस कारण लोगों ने भी लंबे समय बाद घर बैठे पट्टे बनाने की सुविधा को भी अपनाने में दिलचस्पी दिखाई है।
इधर, डेढ़ दशक पहले नगर परिषद के तत्कालीन जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने गुरुनानक बस्ती, बापूनगर, इंदिरा कॉलोनी, पुरानी आबादी के गडढे के आसपास अतिक्रमण करने की छूट दी थी, अब इन क्षेत्रों में बसे लोगों को पट्टे बनाने के लिए बकायदा न्यौता दिया जा रहा है।
इन अतिक्रमण के खिलाफ शिकायतें करने पर नगर परिषद अमले ने तोडफ़ोड़ करने की नौटंकी भी की थी लेकिन कब्जाधारकों ने वहां से अपना कब्जा नहीं छोड़ा। रही कही कसर नगर परिषद के जिम्मेदार अफसरों ने जानबूझकर अनदेखी से पूरी कर दी। एक पूर्व पार्षद ने तो अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ नगर परिषद परिसर में धरना भी लगाया था।
अब उसी जगह पर कब्जे को आशियाना हक देने पर मुहर लगाने के लिए नगर परिषद प्रशासन ने लोगों से आवेदन मांगे है।

इस बीच नगर परिषद आयुक्त और प्रशासन शहरों के संग अभियान के जिला नोडल अफसर सचिन यादव का कहना है कि राज्य सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे बनाने के नियम कायदों में शिथिलता देने की तैयारी की है।
अवैध को वैध या अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने के संबंध में अब तक मेरे पास गाइड लाइन नहीं आई है। गाइड लाइन के मुताबिक ही पट्टे दिए जाएंगे। पूरे जिले में इस अभियान से पन्द्रह हजार पट्टे बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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