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श्री गंगानगर

मौसम का मिजाज बिगड़ा: मेहनत के ‘मोती’ खराब होने का खतरा, किसान चिंतित

पूर्वानुमान के हिसाब से गुरुवार को श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले में मौसम का मिजाज बिगड़ गया। तेज अंधड़ एवं हल्की बूंदाबांदी से मंडियों में रखे एवं गेहूं एवं सरसों के भीगने या खराब होने की आशंका बलवती हो चली है।

श्री गंगानगरApr 21, 2022 / 06:47 pm

Kamlesh Sharma

Sri Ganganagar Weather update farmers worried

पूर्वानुमान के हिसाब से गुरुवार को श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले में मौसम का मिजाज बिगड़ गया। तेज अंधड़ एवं हल्की बूंदाबांदी से मंडियों में रखे एवं गेहूं एवं सरसों के भीगने या खराब होने की आशंका बलवती हो चली है।

श्रीगंगानगर। पूर्वानुमान के हिसाब से गुरुवार को श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले में मौसम का मिजाज बिगड़ गया। तेज अंधड़ एवं हल्की बूंदाबांदी से मंडियों में रखे एवं गेहूं एवं सरसों के भीगने या खराब होने की आशंका बलवती हो चली है। हालांकि इस बार एफसीआई की खरीद न के बराबर है। ज्यादा खरीद व्यापारियों की तरफ से की जा रही है। अधिकतर व्यापारियों के पास तिरपाल आदि की व्यवस्था है फिर भी काफी जिन्स खुले में रखी है। मौसम के मिजाज बिगड़ा तो किसानों की मेहनत के मोती खराब होने का अंदेशा और बढ़ जाएगा।
गेहूं के एक लाख बैग खुले में पड़े
श्रीबिजयनगर मंडी गेहूं के करीब एक लाख बैग खुले में पड़े हैं। इस बार भाव ऊंचे होने के कारण एफसीआई को गेहूं नहीं मिल रहा है। जिसके चलते व्यापारियों की ओर से ही गेहूं की खरीद की जा रही है। व्यापारी अपने स्तर पर तिरपाल आदि की व्यवस्था रखते हैं। नई धानमण्डी से पानी निकासी की अच्छी व्यवस्था होने के कारण गेहूं के खराब होने की आशंका बहुत कम है। मंडी एक कॉमन शेड भी ज्यादातर खाली पड़े हुए है।
अनूपगढ़ मंडी में सड़कों पर व खुले में कृषि जिंसों के 10 से 15 हजार बैग पड़े है। सभी व्यापारियों के पास त्रिपाल से ढकने की व्यवस्था
सादुलशहर. खराब मौसम की आशंका के चलते धान मण्डी में रखे कृषि जिनसों को नुकसान से बचाने के लिए कृषि उपज मण्डी समिति की ओर से चार कॉमन शैड बनाए हुए हैं। इसके अलावा पिड़ों पर रखे कृषि जिनसों को भीगने आदि से बचाने के लिए व्यापारियों को मण्डी समिति की ओर से तिरपाल भी उपलब्ध करवाए हुए हैं। इसके साथ व्यापारियों के पास स्वयं के भी तिरपाल हैं।
मौसम में बदलाव के चलते किसान चिंतित
रायसिंहनगर. मौसम में बदलाव के चलते धान मण्डी में खुले में पड़ी जिंसो को लेकर किसान चिंतित नजर आ रहे है जबकि कृषि जिंसो को नुकसान से बचाने के लिए कृषि उपज मण्डी समिति में आधा दर्जन कॉमन शैड बने हुए हैं। अधिकतर कॉमन शैडों के नीचे किसानों की जिंसो की बजाय व्यापारियों का खरीदा हुआ माल रखा हुआ है।
व्यापार मण्डल के अध्यक्ष सोनू सिंघल ने बताया कि गत वर्ष दुकानों के आगे पिड़ों पर रखे कृषि जिंसो को भीगने से बचाने के लिए प्रत्येक व्यापारी को मण्डी समिति की ओर से तिरपाल भी उपलब्ध करवाए गए थे। इस बार तिरपाल वगैरह की व्यवस्था नहीं की गई है। जिंस किसानों द्वारा आनाज मण्डी में दुकान पर पहुंचाने के बाद जिंसो की खरीद कर माल को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी व्यापारियों की होती है। इस कारण व्यापारियों द्वारा स्वयं के स्तर पर जिंसों को सुरक्षित रखने के लिये तिरपाल की व्यवस्था की जा रही हैं।
इधर, हनुमानगढ़ जिले की डबलीराठान अनाज मंडी में बहु संख्या में गेहूं की ढेरियां एवं बडे़ बडे़ ढेरों की सुरक्षा के लिए कोई माकूल व्यवस्था नहीं है| किसानों को अपने स्तर पर ही व्यवस्था करनी पड़ती है| व्यापारियों के पास भी अगर तिरपाल है तो एक आध छोटी मोटी ढेरी ही ढकी जा सकती है| मंडी में गेहूं की ढेरियां एवं बैग खुले में बहुताया संख्या में पडे़ है कुछ गेहूं की ढेरियां तथा भरे गेहूं के बैग शेड के नीचे भी है।

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