व्यापारियों ने बताया कि दीपावली पर पटाखे चलाने पर रोक लगने से व्यापारियों का माल गोदामों में बंद हो गया था और जिले में करीब आठ करोड़ रुपए के पुराने पटाखे बचे हुए रखे थे। इस बार भी सरकार की ओर से रोक लगने पर पटाखा बेकार हो गए थे।
जिले में है करीब 50 थोक लाइसेंस
– व्यापारियों ने बताया कि जिले में करीब 50 थोक लाइसेंस वाले व्यापारी है। जो लाखों रुपए के पटाखे बाहर से मंगवाते हैं। इस बार व्यापारियों की ओर से ग्रीन पटाखे मंगवाए हैं और कुछ व्यापारी मंगवा रहे हैं। जिले में थोक विक्रेताओं के यहां ग्रीन पटाखों की बिक्री शुरू हो चुकी है।
यहां नहीं बनते ग्रीन पटाखे
– शहर में पुरानी आबादी स्थित पटाखा फैक्ट्री में दीपावली के सीजन पर हर साल भारी संख्या में पटाखे बनाए जाते थे लेकिन दो साल से यहां पटाखा बनाने का कार्य ठप पड़ा हुआ है। यहां सामान्य पटाखों का निर्माण होता था। अब पटाखे बनाने शुरू होने से पहले ही रोक लग गई। अब सरकार ने ग्रीन पटाखे चलाने की छूट दी है लेकिन यहां ग्रीन पटाखे नहीं बनाए जाते हैं।
इनका कहना है
– ग्रीन पटाखे चलाने की छूट मिलने के बाद जिले में ग्रीन पटाखे शिवकाशी से आने शुरू हो गए हैं। जिले में करीब चार से पांच करोड़ रुपए के ग्रीन पटाखे बिक्री की उम्मीद है। यहां पचास थोक लाइसेंसी है। जिन्होंने पटाखे मंगाना शुरू कर दिया है। कुछ दुकानों पर बिक्री शुरू हो चुकी है।
– ओमप्रकाश, पटाखा थोक विक्रेता श्रीगंगानगर
– ग्रीन पटाखे अभी यहां नहीं बन रहे हैं। अगले सीजन के लिए फरवरी के बाद ग्रीन पटाखों का यहां पटाखा फैक्ट्री में निर्माण शुरू किया जाएगा। ग्रीन पटाखे में एक पाउडर डाला जाता है, जिससे धुआं कम होता है। अब ग्रीन पटाखे बनाने की तैयारी की जाएगी।
– मोहम्मद असलम, संचालक पटाखा फैक्ट्री पुरानी आबादी श्रीगंगानगर
श्रीगंगानगर. जिला कलक्टर जाकिर हुसैन ने कोरोना महामारी के दौरान जिले के नागरिकों से अपील की है कि सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइड लाइन की पालना के साथ त्योहार मनाएं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि सरकार की ओर से कोरोना गाइड लाइन में दीपावली पर्व पर रात 8 बजे से 10 बजे तक कोरोना बचाव एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन पटाखें के उपयोग की अनुमति दी है, उसी के अनुरूप गाइड लाइन की पालना करना हम सभी की जिम्मेदारी है।