इस बार किसानों पर दोहरी मार पड़ी। राज्य की सबसे बड़ी इंदिरागांधी नहर परियोजना में दो माह की लंबी बंदी हुई। इससे नरमा-कपास की बिजाई का सीजन निकल गया। जिन किसानों के खेतों में ट्यूबवैल थे उन्होंने ट्यूबवैल के पानी से थोड़ी बहुत बिजाई की। इससे जिलेभर में करीब एक लाख हेक्टेयर बुवाई क्षेत्र घट गया। किसानों को रही-सही उम्मीद मूंग व ग्वार की फसल से थी।
थोड़े-बहुत नहरी पानी या ट्यूबवैलों की सहायता से इन फसलों को जिंदा रखा। जब सितम्बर में ये फसलें पकाव पर आई और किसान समेटने लगे तो इन्द्रदेव ने वज्रपात कर दिया। सितम्बर के दूसरे पखवाड़े में जिलेभर में थोड़े-थोड़े अंतराल पर तीन बार हुई बारिश से मूंग व ग्वार की फसलों को भारी नुकसान हुआ। नरमा-कपास को करीब 20 प्रतिशत नुकसान हुआ। वहीं सरसों की अगेती बिजाई की गई फसल मिट्टी में ही कुरंड(बर्बाद) हो गई।
—————– जिले के 80 फीसदी से अधिक खेतों में मूंग-ग्वार में खराबा जिलेभर में बारिश से फसल खराबे की सूचना के बाद जिला प्रशासन के आदेश पर राजस्व विभाग, कृषि विभाग और बीमा कंपनी (एसबीआइ जनरल) के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से सर्वे किया। इन टीमों ने माना कि जिले के 426 में से 350 पटवार मंडलों में ग्वार और 345 पटवार मंडलों में मूंग की फसलों को 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है।
—————— मूंग की फसल पककर तैयार थी। सितम्बर के अंत में तेज हवा के बारिश ने अरमानों पर पानी फेर दिया। इस बारिश से मूंग को भारी नुकसान पहुंचा। वहीं नरमा-कपास को 20 से 30 प्रतिशत नुकसान हुआ है।-गुरविन्द्र जाखड़, चक 11 ए(बी) अनूपगढ़
————— तीन बार हुई बेमौसमी बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। किसानों ने 900 रुपए प्रति किलो की दर सरसों का हाइब्रिड बीज खरीद कर अगेती बिजाई की थी। बारिश से फसल कुरंड(बर्बाद) हो गई।-रणवीर सेखों,75 जीबी, श्रीबिजयनगर
———– सितम्बर के अंत में हुई बेमौसमी बारिश से मूंग की पकी-पकाई फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है। ग्वार को नुकसान कुछ कम हुआ। दोनों फसलों की गुणवत्ता खराब होने से किसानों को भाव कम मिलेगा।
-हनुमान गोदारा, 82 आरबी (रायसिंहनगर) ———— नरमा-कपास की फसलें खेतों में लहलहा रही थी। इससे उन्हें 8 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन का अनुमान था। बेमौसमी बारिश से यह उत्पादन घटकर 5 से 6 क्विंटल प्रति बीघा रह गया। बारिश से कटा हुआ मूंग काला हो गया।-गुरदर्शन सिंह, 49 एफ(श्रीकरणपुर)
——————- सितम्बर के अंत में हुई भारी बारिश से मूंग की कटी हुई फसलों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। खलिहानों में पानी भरने से मूंग की गुणवत्ता खराब हो गई। हालांकि जमीन में नमी से रबी फसल में बिजाई में कुछ मदद मिलेगी।-सतविन्द्र सिंह, तीन ओ(श्रीकरणपुर)
————– जिलेभर में हुई बेमौसमी बारिश से मूंग व ग्वार फसलों की गुणवत्ता खराब हुई है। राजस्व-कृषि विभाग और बीमा कंपनी की ओर से करवाए गए सर्वे में करीब 82 प्रतिशत पटवार मंडलों में ग्वार और 81 प्रतिशत में मूंग की फसल में 50 प्रतिशत से अधिक खराब माना गया है। सर्वे रिपोर्ट सरकार को भेजी जा चुकी है।
-डॉ.जी.आर. मटोरिया, संयुक्त निदेशक (कृषि), श्रीगंगानगर ————– फैक्ट फाइल श्रीगंगानगर जिले में इस वर्ष खरीफ की बुवाई-405427 श्रीगंगानगर जिले में गत वर्ष खरीफ की बुवाई-546499 श्रीगंगानगर जिले में इस बार बुवाई क्षेत्र घटरा-141072
(स्रोत: कृषि विभाग, बुवाई हेक्टेयर में) —————- श्रीगंगानगर जिले में पटवार मंडल-426 ग्वार फसल में खराबा-350 पटवार मंडलों में मूंग फसल में खराबा-345 पटवार मंडलों में ———— कब-कब हुई नहरबंदी
इंदिरागांधी नहर-30 मार्च से 28 मई गंगनहर-5 से 25 अप्रेल