सर्द हवा ऑपरेशन में ड्यूटी देते जवान भारत मां की रक्षा के लिए समर्पित है। ऑपरेशन सर्द हवा तथा धुन्ध के कारण जवानों की ड्यूटी का कुछ समय भी बढा दिया है। मुश्तैद जवानों ने मौसम की मार को चुनौती मानते हुए बॉडर पर चिडिय़ा का पर भी हिलना मुश्किल कर दिया है। ऑपरेशन सर्द हवा के चलते बीएसएफ सतराना बटालियन मुख्यालय से सभी अधिकारी बॉडर पर तैनात कर दिए है। बीएसएफ मुख्यालय पर आवश्यक कार्य के लिए डिप्टी कमाण्डेंट स्तर के एक अधिकारी को प्रशासनिक गतिविधियों के चलते कार्य सौंपा गया हैं।
उपखंड क्षेत्र से भारत-पाक सीमा करीबन ७२ किमी से अधिक है। वहीं खाजूवाला क्षेत्र के कुछ भाग में बीएसएफ सतराना (घड़साना) मुख्यालय के अधीन सुरक्षा की जुम्मेवारी है। एक सप्ताह से मौसम में परिवर्तन होने घनी धुन्ध का १२-१३ घंटे औसतन वातावरण बना हुआ है। रात्रि को घनी धुन्ध के साथ धुआं भी घुल जाने के कारण कोहरे का असर अधिक हो रहा है। रात्रि दस बजे से सुबह छह बजे तक कोहरा इतना अधिक होता है कि १५-२० फीट दूरी के बाद दिखायी नहीं देता है।
ऐसी स्थिति में जवानों को सुरक्षा की जुम्मेवारी बढ गई है। सदैव दुश्मन देश की सीमा की ओर आंख गड़ाए रहने वाले जवान को पूरी रात गश्त पर रहना पड़ रहा है। १०० मीटर दूरी में सुरक्षा के लिए एक जवान- धुन्ध के चलते पड़ौसी देश से आंतकी, नशीला पद्धार्थ व्यापार करने वाले तस्कर धुंध के चलते मौके का फायदा उठाने की आशंका पर बीएसएफ ने सुरक्षा व्यवस्था ओर कड़ी कर दी है। अमूमन दो सौ मीटर अन्तराल दूरी पर जवान तैनात करने के जगह वर्तमान में १०० मीटर दूरी पर एक जवान तैनात कर रखा है।
मौसम की मार को झेलते हुए बीएसएफ के पास सुरक्षा के लिए मैन पॉवर ही मुख्य साधन है। जवानों की पैदल गश्त के अलावा केमल गश्त, गाड़ी गश्त का क्रम पूरी रात चलता है। सुबह तारबंदी पार बार्डर में खुर्रा गश्त भी होती है। खुर्रा गश्त में शामिल जवान भारतीय सीमा में किसी तरह के पद चिन्ह अथवा अन्य गतिविधि का आंकलन करते हैं। आलाधिकारी पेट्रोलिंग पर, जवानों का बढाते है हौंसला- बीएसएफ द्वारा इन दिनों पड़ रही धुंध या कोहरे को फोग कहर कहा जा रहा है।
फोग के चलते बीएसएफ आलाधिकारी भी पूरी रात गाडिय़ों से पेट्रोलिंग कर रहे हैं। पूरी रात जवानों को नाके से नाका तक पैदल गश्त कर सुरक्षा बंदोबस्त संभालना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में जवानों को अधिकारी हौंसला बढा कर सुरक्षा व्यवस्था को अधिक पुख्ता कर रहे हैं। बीएसएफ अधिकारियों द्वारा बार्डर क्षेत्र में पुलिस के सहयोग से आकस्मिक नाकाबंदी भी की जा रही है। नाका के स्थान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है।
इस कारण पूरे क्षेत्र में रात्रि को बॉडर क्षेत्र में शान्ति बनी हुई है। जवानों की संख्या बढाई- बीएसएफ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अमूमन मध्य दिसम्बर से जनवरी माह तक कोहरे का अधिक असर होता है। जिस पर बीएसएफ द्वारा ऑपरेशन सर्द हवा भी चलाया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में धुंध के चलते सुरक्षा बंदोबस्त चार स्तरीय पर की जा रही है। इस कारण जवानों की संख्या बढाई गई है। औसतन डेढ गुना मैन पॉवर लगाया गया है।
सुरक्षा के साधनों में सभी विकल्प
काम में लिए जा रहें है। सीमा पार पड़ौसी देश की रेंजर चौकियों पर होने वाली हर हरकतों पर पूरी नजर रखी जा रही है। तस्करी व आंतकी घुसपेठ की रहती है आशंका- सर्दी तथा धुंध के चलते सीमा पार से आंतकी घुसपेठ की संभावना अधिक हो जाती है। वहीं पाक में बैठे तस्कर भी सक्रिय हो जाते हैं। तस्कर अपने मुखबिरों के जरिए नशीला पद्धार्थ आर-पार कराने के प्रयास में रहते हैं। ऐसी संभावनाओं को लेकर बीएसएफ ने भी सुरक्षा
तंत्र कड़ा कर दिया हैं।
कुछ वर्ष पूर्व में चक २६ एमडी क्षेत्र से तस्करों ने हेरोइन की खेफ की सुर्पुदगी ली थी। वहीं कुछ महिनों पहले रायसिंहनगर के समेजा इलाके में तस्करों द्वारा रैकी किए जाने का मामला प्रकाश में आया था। बीएसएफ अधिकारियों द्वारा ऐसे तत्वों के मन्सुबें फेल करने के लिए पूरी तरह चाक चौबंद होकर सीमा पर सुरक्षा बढाई है।