इससे पहले खालसा कॉलेज व स्कूल की बच्चियों ने ‘गुरु पुरे मेरी रख लईं’ शबद से कार्यक्रम शुरू किया। इसके बाद बाबा उपकार सिंह 6 जी वालों ने ‘छड्ड सिहांसन हर जी आए’ व ‘हउं वार वार हर जी आए’ शब्द गायन किया। गुरुद्वारा परमेश्वर द्वार के जत्थे ने ‘मोए निरगुण का कोए न राखै संता संग समावणा शबद गायन किया।
सैकड़ों ने किया अमृतपान
सोमवार शाम हुए अमृतपान कार्यक्रम में साढ़े तीन सौ से अधिक महिला, पुरुषों व बच्चों ने अमृतपान किया। बाबा रणजीतसिंह ढिडरियां वालों ने कहा जो संगत आज अमृतपान कर गुरु वाली बनी है, वे औरों को प्रेरित करें। अमृतपान करने वाले जब पंडाल में पहुंचे तो उनका बोले सो निहाल के जयकारों व ‘आओ खालसा जी जी आयां नूंÓ शबद से समस्त संगतों ने स्वागत किया। शाम 4 बजे शुरू हुआ अमृतपान का कार्यक्रम रात 9 बजे तक चला।
कन्या विद्यालय की नींव रखी
श्रीगुरूनानक खालसा कन्या पब्लिक विद्यालय अंग्रेजी माध्यम की नींव पांच प्यारों ने रखी। इस अवसर पर बाबा रणजीत सिंह ढिडरियां वाले भी उपस्थित थे। प्रबन्धन समिति के सदस्यों ने कहा कि इस विद्यालय में जरूरतमंदों की शिक्षा के लिए भी इलाके की संगतों के सहयोग से अलग से व्यवस्था की जाएगी।
…तो बाबा सबसे ज्यादा डिग्रियां ले लेते
बच्चों को पढ़ाई के बारे में समझाते हुए उन्होंने कहा कि पढ़ाई कभी पूजा से नहीं आती। आपको पढऩा होगा। यदि कोई कहता है कि मात्था टेकने से, पूजा से पास हुआ जा सकता है तो आजकल के बाबा तो सबसे ज्यादा डिग्रियां ले लेते।
संगत की सेवा काबिले तारीफ
कार्यक्रम के दौरान गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। जिले के दूरदराज के गांवों से आई संगत की सेवा काबिले तारीफ थी। किसी ने लंगर तैयार करने की व्यवस्था संभाली तो किसी ने बर्तन साफ करने की। गांव तीन सीसी के गुरुद्वारा सिंह सभा के सेवादारों ने चाय के लंगर की व्यवस्था संभाल रखी थी।