उधर साबरकांठा लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी भीखाजी ठाकोर ने भी अपनी उम्मीदवारी से इन्कार कर दिया। उन्हें पहली बार टिकट दिया गया था। इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री व विधायक रह चुके डॉ तुषार चौधरी को मैदान में उतारा है। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से मजबूत उम्मीदवार दिए जाने के चलते भाजपा ने यह निर्णय लिया है।
निजी कारणों के अलावा भाजपा के भीतर अंदरूनी कलह, कार्यकर्ताओं का विरोध और जातिगत समीकरण को भी इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। तीन और सीटों पर प्रत्याशियों में बदलाव संभव सूत्रों के मुताबिक अभी भाजपा के कम से कम तीन और प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर सकते हैं। इनमें बनासकांठा से रेखाबेन चौधरी, वलसाड से धवल पटेल और आणंद सीट से मितेश पटेल शामिल हैं।
कांग्रेस के रोहन गुप्ता ने उम्मीदवारी वापस ली, पार्टी भी छोड़ी उधर कांग्रेस के अहमदाबाद पूर्व से उम्मीदवार रोहन गुप्ता ने अपनी उम्मीदवारी वापस ली। साथ ही अंदरूनी कलह का कारण बताते हुए पार्टी भी छोड़ दी।
भाजपा के भीतर असंतोष: कांग्रेस गुजरात प्रदेश के प्रवक्ता डॉ मनीष दोशी ने आरोप लगाया कि भाजपा के दो उम्मीदवारों का चुनाव लड़ने से इन्कार करना पार्टी के भीतर असंतोष की आंधी बताती है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी में यह असंतोष सिर्फ इन तीनों सीट पर ही नहीं है बल्कि सुरेन्द्रनगर के अलावा वलसाड सहित अन्य सीटों पर है। पार्टी में गुटबाजी चरम पर है। पार्टी के निष्ठावान व जमीनी कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
भाजपा के कार्यकर्ता नाराज: आप आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इशुदान गढ़वी ने कहा कि भाजपा के वडोदरा और साबरकांठा सीट के उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने से इन्कार किया है। इसका मतलब साफ है कि भाजपा के कार्यकर्ता बहुत ही नाराज हैं। पार्टी में अंदर ही अंदर विरोध हो रहा है। अभी और तीन उम्मीदवार यही करने वाले हैं।