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अंबिकापुर

Buddha Purnima 2024: छत्तीसगढ़ में भी है तिब्बत, सालों पहले बना था बुद्ध मंदिर, दर्शन करने विदेशों से आते है पर्यटक

Buddha Purnima 2024: 59 साल पुराना व 14 साल पहले बना भगवान गौतम बुद्ध का मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण और तिब्बतियों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

अंबिकापुरMay 23, 2024 / 08:52 am

Kanakdurga jha

Buddha Purnima 2024
Buddha Purnima 2024: सरगुजा जिले के मैनपाट को छत्तीसगढ़ का तिब्बत भी कहा जाता है, वजह यहां बसे तिब्बतियों की जीवन शैली के साथ ही पारंपरिक ढंग से बनाए गए खूबसूरत 4 बुद्ध मंदिर हैं। इसमें एक 59 साल पुराना व 14 साल पहले बना भगवान गौतम बुद्ध का मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण और तिब्बतियों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मंदिरों में विशेष-पूजा अर्चना की जाती है।
मैनपाट अपनी खूबसूरत वादियों के साथ बुद्ध मंदिरों के लिए भी मशहूर है। यहां गौतम बुद्ध के 4 मंदिर हैं। इन्हें मोनेस्ट्री भी कहा जाता है। इनमें से तिब्बतियों के कैम्प नंबर दो में बने 14 साल पहले बने एक मंदिर में बेहद खूबसूरत 20 फीट की प्रतिमा है। इस मूर्ति को मैनपाट की बाक्साइट मिश्रित मिट्टी से बनाया गया है। इसका निर्माण नेपाल व भूटान के कारीगरों ने किया है। इसे देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। तिब्बतियों के सबसे बड़े धर्मगुरु दलाई लामा भी यहां आ चुके हैं और रुक चुके हैं।
Buddha Purnima 2024
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Buddha Purnima Festival 2024: 59 साल पहले बने मंदिर का ये है इतिहास

1965 में कैम्प नंबर 1 में बने पुराने मंदिर की नींव में बाक्साइट के पत्थरों का उपयोग किया गया था। दरअसल समय मैनपाट में ईंट नहीं बनती थी। ऐसे में तिब्बती कैंप निर्माण के लिए वहां से दूर नदी किनारे ईंटें बनवाई गई। कठिन रास्तों और पहाड़ों के बीच लोगों ने ईंटों, रेत और दूसरी सामग्री पीठ पर ढोकर यहां तक पहुंचाई। इसके बाद मंदिर का निर्माण किया गया था।

CG Buddha Mandir: नए मंदिर निर्माण में खर्च हुए 7 करोड़

वर्ष 2010 में तिब्बतियों द्वारा कैम्प नंबर 2 में नए बुद्ध मंदिर का निर्माण कराया गया था। इसके निर्माण में करीब 7 करोड़ रुपए खर्च हुए। मैनपाट के टांगीनाथ इलाके में इस मंदिर में तिब्बती कल्चर की छटा देखते ही बनती है। इस विशाल मंदिर को बनाने में स्थानीय स्तर के साथ ही दूसरे मठों से भी राशि जुटाई थी। तिब्बतियों का मैनपाट में यह सबसे बड़ा मंदिर है।
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Buddha Mandir In Chhattisgarh: 1962-63 में भारत आए थे तिब्बती

वर्ष 1962-63 में बड़ी संख्या में तिब्बती भारत आए थे। भारत सरकार ने उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में भूमि आबंटित की थी, जो अब पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं। उसी समय तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने लगभग 1400 तिब्बती प्रवासियों को 3 हजार एकड़ जमीन दी थी। उन्होंने इस पहाड़ी पर रहना इसलिए चुना क्योंकि मैदानी इलाकों की गर्मी उनके लिए सहन करने योग्य नहीं थी। मैनपाट में कुल 7 कैंपों में तिब्बती रहते हैं, इन्हीं की वजह से इस इलाके की पहचान बढ़ती ही चली गई।

Chhattisgarh Buddha Mandir: 9 दिन से चल रही पूजा का होगा समापन

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मंदिरों में 9 दिन से विविध धार्मिक अनुष्ठान पुजारी द्वारा कराए जा रहे हैं। इस आयोजन में शामिल ढुंढुप सेरिंग ने बताया कि ये माह ही हमारे लिए काफी पवित्र होता है। 9 दिन से आरती सहित पूजा व अन्य अनुष्ठान चल रहे हैं। गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सुबह भगवान गौतम बुद्ध की आरती के पश्चात यज्ञ-हवन कर 9 दिन से चल रही पूजा की पूर्णाहुति होगी। इसके बाद अनुयायियों के बीच प्रसाद वितरण होगा। इस दौरान मंदिर के बड़े लामा का प्रवचन भी होगा। पूजा-अर्चना कर पूरे विश्व में सुख-शांति व समृद्धि की कामना की जाएगी।
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