क्षेत्र में अभी तक बालिकाओं के लिए कोई उच्च शिक्षण संस्थान नहीं था। इसलिए कन्या महाविद्यालय की घोषणा क्षेत्र की बालिकाओं के लिए एक तरह से उपहार था।
इस तरह चली आवंटन प्रक्रियाराजकीय महाविद्यालय तिजारा की प्राचार्य ने बीडा सीईओ को पत्र लिखकर कन्या कॉलेज के लिए 13 हजार वर्गमीटर भूमि की मांग रखी थी। प्राचार्य से जमीन चिन्हीकरण संबंधी पत्र मिलने के बाद बीडा सीईओ द्वारा भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव प्रमुख शासन सचिव पर्यावरण विभाग को भेजा। राजकीय कन्या महाविद्यालय के लिए मिलकपुर गुर्जर के खसरा संख्या 850 गैर मुमकिन बेहड भूमि के आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजकर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की मांग रखी गई है। कन्या महाविद्यालय के लिए जो भूमि आवंटित हुई है, यह जमीन पूर्व में मिनी सचिवालय के लिए आवंटित भूमि के बराबर में स्थित है। शासन को भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया था कि खसरा नंबर 850 में 36.21 में से 30.60 हेक्टेयर भूमि की किस्म गैर मुमकिन बेहड है जो कि राजस्व रिकॉर्ड में बीडा के नाम दर्ज है। इस भूमि में से 13 हजार वर्गमीटर भूमि निशुल्क आवंटन के लिए राजकीय महाविद्यालय तिजारा की प्राचार्य द्वारा आवेदन किया गया था। राजस्व रिकॉर्ड अनुसार भूमि की किस्म गैर मुमकिन बेहड है। बीकेटी मास्टर प्लान 2041 में उक्त भमि का भू उपयोग महाविद्यालय, विद्यालय, आंशिक सामाजिक सांस्कृतिक सुविधाएं, आंशिक मेला ग्राउंड और आंशिक आबादी दर्शित है। इसमें राजकीय कार्यालयों को अनुज्ञेय नहीं किया गया है। नगर विकास विभाग के तीन जून 2022 के आदेश अनुसार राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचना प्रतिबंधित क्षेत्र को छोडक़र नगरीय क्षेत्र में की जा सकती है, जिसमें भू उपयोग परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे प्रकरणों में राज्य सरकार की स्वीकृति आवश्यक होगी। भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सात मई 1992 की अधिसूचना के अनुसार उक्त गैर मुमकिन बेहड किस्म प्रतिबंधित श्रेणी की भूमि है, उक्त अधिसूचना के संशोधित नोटिफिकेशन 29 नवंबर 1999 के अनुसार प्रतिबंधित श्रेणी की भूमि के आवंटन से पूर्व अनापत्ति की आवश्यकता होगी। कन्या महाविद्यालय के लिए अनापत्ति मिलने के बाद बीडा ने भी आवंटन पत्र जारी कर दिया है।
मिलेगा शिक्षा का अवसरभिवाड़ी प्रदेश का मुख्य औद्योगिक नगर है। यहां पर राजकीय कन्या महाविद्यालय की वर्तमान में बहुत जरूरत थी। बच्चियों को उच्च शिक्षा के लिए अन्य शहरों में जाना पड़ता है। जमीन आवंटन के बाद महाविद्यालय का निर्माण होने से बेटियों के लिए उच्च शिक्षा के द्वार खुलेंगे। उन्हें पहले की अपेक्षा बेहतर और सुविधाजनक शिक्षा मिल सकेगी। क्षेत्र में अभी तक बेटियों के लिए कोई कॉलेज नहीं था। बजट में बेटियों के लिए महाविद्यालय की घोषणा और जमीन आवंटन का काम काफी तेजी से हुआ लेकिन निर्माण प्रक्रिया में काफी विलंब हो रहा है।
बजट पीडब्ल्यूडी को आवंटित हुआ है, टेंडर भी हो चुका है। जल्द ही भवन निर्माण की प्रक्रिया को शुरू कराया जाएगा।डॉ. रश्मि पारिख, प्राचार्य