पिछले सप्ताह छिंदवाड़ा की कृषि उपज मंडी कुसमेली में सिर्फ दो दिन ही कामकाज हुआ लेकिन गेहूं के न्यूनतम एवं अधिकतम दामों में काफी अंतर देखने को मिला। इस दौरान गेहूं के दामों में गजब की बढ़ोत्तरी हो गई। इससे किसानों की खुशी भी बढ़ी है।
बेमौसम की बरसात गेहूं की फसल को बर्बाद कर रही है। गेहूं को पहले ही फरवरी एवं मार्च में हुई बारिश के कारण खासा नुकसान हो चुका है। बारिश की वजह से इन दिनों खलिहानों में कटा हुआ गेहूं भी भीग रहा है। गीले होने के बाद गेहूं की चमक कम हो रही है और नमी बढ़ रही है। इसके चलते मंडी में जहां खराब गेहूं की मांग घटी है, वहीं अच्छी चमक वाले सूखे गेहूं की मांग तेजी से बढ़ भी रही है। मंडी में इन दिनों औसत एवं कमजोर गुणवत्ता वाली उपज की आवक ज्यादा हो रही है।
800 रुपए का उछाल आया
लगातार चिंतित हो रहे किसानों के लिए यह सप्ताह राहत की भी खबर लाया। मंडी में इस सप्ताह गेहूं की कीमत में जबर्दस्त इजाफा हुआ। भाव में करीब 800 रुपए का उछाल आया है। गेहूं का न्यूनतम भाव 1900 रुपए प्रति क्विंटल है और अधिकतम कीमत 2700 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी है। निम्न गुणवत्ता वाले गेहूं की तुलना में अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं की ज्यादा डिमांड है।
गेहूं के दाम में बढ़ौत्तरी की अहम वजह यह है कि इस सीजन में ज्यादातर लोग अच्छी गुणवत्ता के गेहूं खरीदना पसंद करते हैं। इसलिए नीलामी के दौरान व्यापारियों के बीच अच्छी प्रतिस्पर्द्धा हो जाती है जिससे गेहूं के दाम बढ़ते हैं और किसानों को लाभ होता है।
गेहूं के दाम प्रति क्विंटल (रुपए में)
दिनांक— न्यूनतम— उच्चतम
2 अप्रेल— 2100— 2770
3 अप्रेल— 2000— 2640
4 अप्रेल— 2000— 2620
5 अप्रेल— 2000— 2611
8 अप्रेल— 2000— 2632
10 अप्रेल— 1900— 2700