धीरे-धीरे यह खुल कर सामने आ रहा है कि कैसे रैकेट चलाने वालों ने सरकारी तंत्र को पंगू बनाकर सरकारी भू सम्पदा को लूटने की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया। कडि़यां किस तरह से जुड़ी हैं, इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। दरअसल, खुलासा यह भी हुआ है कि
छत्तरगढ़ में भूमि आवंटन फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वाले कुछ कार्मिक ही पूगल उपखण्ड क्षेत्र में भी तैनात हुए। उन्होंने छत्तरगढ़ फर्जीवाड़ा की तर्ज पर ही यहां भी सारा खेल रचा।
जिला प्रशासन की जांच में अभी तक छत्तरगढ़ में कार्यरत रहे 19 और पूगल में रहे 16 कार्मिकों की लिप्तता उजागर हो चुकी है। इन 35 कार्मिकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। छत्तरगढ़ में जमीन के इंतकाल निरस्त कर वापस अराजीराज घोषित कर दिया गया है। जबकि पूगल में अभी जमीन वापस लेने की कार्रवाई होनी शेष है। कुछ जमीन सोलर कम्पनियों को आगे लीज पर दी गई है। इसके भी इंतकाल निरस्त कर वापस अराजीराज घोषित की जाएगी।
दो पटवार मंडल का खुलासा, शेष की चल रही जांच
पूगल उपखण्ड में पटवार मंडल बांदरवाला और करनीसर भाटियान में जमीनों के फर्जीवाड़ा खोले गए हैं। इनमें करमीसर भाटियान में सोलर प्लांट लगाने वाली कम्पनी को जमीनें देने के लिए भूमाफिया ने सरकारी कार्मिकों को अपने साथ मिलाया। सूत्र बताते हैं कि 15 हजार रुपए प्रति बीघा सालाना लीज पर कम्पनियां भूमि ले रही हैं। जबकि यह भूमाफिया तीन से पांच हजार रुपए प्रति बीघा पूरे खेल में खर्च करता था। अभी करीब 5500 बीघा करमीसर भाटियान और इतनी ही जमीन अन्य पटवार हलके में फर्जीवाड़ा होने का पता चला है। उपखण्ड पूगल के पटवार हलका भानीपुरा, अमरपुरा, बराला में भी ऐसे मामले हैं। इनके क्षेत्र में दर्ज इंतकाल व नामांतरण के कागजों की जांच चल रही है।पांच साल के सभी आवंटनों की जांच करेगी कमेटीजिला प्रशासन की ओर से गठित जांच कमेटी अब पूगल उपखण्ड में बीते पांच साल के दौरान किए गए सभी आवंटनों और नामांतरण की जांच करेगी। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, करीब 20 हजार बीघा से ज्यादा भूमि के फर्जीवाड़ा का खुलासा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कमेटी ने सभी तहसीलों से पांच साल के दौरान भूमि के दर्ज इंतकाल की सूची मांग ली है।
स्मॉल, मीडिया और विशेष आवंटन में सेंध
राज्य सरकार की ओर से अराजीराज रकबा में से स्मॉल पैच, मीडिया पैच और विशेष आवंटन खोले गए है। साथ ही पुराने 1971, 1984 और इसके बाद के विशेष और सामान्य आवंटन के लम्बित मामलों को निपटाने का अधिकार उपखण्ड अधिकारी को दे रखा है। आवंटन के लिए उपखण्ड स्तर पर कमेटी बना रखी है। इसमें एसडीएम, तहसीलदार, विधायक, सरपंच और राज्य सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसकी बैठक में ही आवंटन का निर्णय किया जाता है। राजनीतिक दबाव में कमेटियों के निर्णय प्रभावित होते रहे हैं।
एजेंसी से कराएंगे जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई
प्रशासन ने छत्तरगढ़ और पूगल क्षेत्र में अराजीराज और वनभूमि का फर्जीवाड़ा पकड़ा है। इसकी गहनता से जांच अभी जारी है। अन्य तहसीलों में भी ऐसे मामले हो सकते हैं। राज्य या केन्द्र सरकार की बड़ी एजेंसी से इस मामले की जांच करवाई जाएगी। गड़बड़ी में लिप्त और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कराएंगे। जिससे भविष्य में कोई ऐसा नहीं करे। – अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय मंत्री
चुनाव के बाद मिलेंगे सीएम से
लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही प्रशासन भी अभी पूरा मामला खंगाल रहा है। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले में गहनता से जांच कराई जाएगी। – जालम सिंह भाटी, जिलाध्यक्ष देहात भाजपा
भूमि आवंटन फर्जीवाड़ा का अब तक खुलासा
उपखण्ड अब तक लिप्तता उजागर कुल भूमि छत्तरगढ़ 19 कार्मिक (तहसीलदार व पटवारी) 6125 बीघा अराजीराज छत्तरगढ़ कार्मिक सूचीबद्ध करने शेष 1290 बीघा वनभूमि पूगल 16 कार्मिक (एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी) 5500 बीघा अराजीराज