पर्यावरण प्रेमी, शिक्षाविद् एवं युवाओं का कहना है कि विभिन्न कारणों से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, जिससे मौसम लगातार बदल रहा है। प्रकृति संरक्षण के लिए प्रतिवर्ष विश्व पृथ्वी दिवस और विश्व प्रकृति प्रतिरक्षण दिवस मनाए जाते हैं। इसमें शिक्षण संस्थानों सहित अन्य संस्थाओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, लेकिन असल में हालात यह हैं कि ये दिवस भी केवल कागजों और आयोजनों के भीतर होकर रह गए हैं। इन दिवस को मनाने के असल उद्देश्यों के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव है। इस विषय को लेकर पर्यावरण संरक्षण को मजबूती देने के लिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। तभी वातावरण से प्रदूषण का मैल धुल पाएगा।
कॉलेज में शनिवार को डेढ़ दर्जन से अधिक सहायक आचार्य व प्रोफेसर, अशैक्षणिक कर्मचारी और सैकड़ों विद्यार्थी वाहन का मोह का त्याग कर साइकिल की सवारी करते हैं। इसमें कुछ साइकिल से कॉलेज पहुंचते हैं, तो कुछ पैदल ही आते हैं। इस दिन विजिटर्स के लिए भी कॉलेज परिसर में वाहन प्रवेश वर्जित रहता है। इस मुहिम को बढ़ावा मिल रहा है।
पर्यावरण को सुरक्षित करना किसी अकेले के बस की बात नहीं है। इसके लिए एकजुट होकर सार्थक प्रयास करने होंगे। बड़े स्तर पर पौधरोपण अभियान चलाना होगा। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए साइकिल को बढ़ावा देना होगा। कॉलेज में नो व्हीकल डे के तहत शनिवार को सभी लोग साइकिल से सवारी करते हैं। इस पहल को बढ़ावा मिल रहा है।
-डॉ एसएन राजपुरोहित, प्राचार्य, एमएलबी कॉलेज नोखा।