प्रश्न: प्रतियोगी परीक्षा में प्रतिभाग करने के लिए स्नातक में कितने वर्ष का अध्ययन करने के बाद छात्र शामिल हो सकता है?
उत्तर: प्रवेश प्रक्रिया की कुछ खास बातों पर प्रवेशार्थियों से ध्यान देने की जरूरत है। जैसे यदि विद्यार्थी तीन वर्ष अध्ययन करने के बाद पढ़ाई आगे जारी नहीं करना चाहता तो स्नातक( जैसे बीए, बीएससी तथा बीकॉम) की उपाधि प्राप्त करेगा एवं पूर्वानुसार ही सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो सकता है ।
प्रश्न: ऑनर्स डिग्री में प्रवेश के लिए छात्र को तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में कितने प्रतिशत अंक की आवश्यकता होती है?
यदि विद्यार्थी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में 75 प्रतिशत अंक अर्जित करता है तो वह फोर्थ ईयर में अपनी इच्छानुसार बीए विथ ऑनर्स या बीए विथ रिसर्च का चयन कर सकता है। इसी प्रकार बीकॉम तथा बी.एस -सी .के विद्यार्थी भी फोर्थ ईयर पाठ्यक्रम में प्रवेश हासिल कर सकते हैं।
प्रश्न:प्रवेश शुल्क जमा करते समय कितने विषय च्वॉइस करना है। इसमें मेजर व माइनर विषय कितने लेेने होते हैं?
उत्तर- प्रवेश शुल्क जमा करते समय तीन विषयों के ग्रुप में कोई एक विषय मेजर, एक विषय माइनर के रुप में चयन करना अनिवार्य है। एक जो विषय शेष है उसे वैकल्पिक विषय के रूप में चयनित किया जा सकता है। यदि विद्यार्थी वैकल्पिक विषय का चयन ग्रुप के इन तीन विषयों में से नहीं करना चाहता तो जेनेरिक वैकल्पिक विषय की सूची से चयन कर सकता है।सभी संकाय के विद्यार्थी एनसीसी, एनएसएस एवं शारीरिक शिक्षा को वैकल्पिक विषय के रूप में चयन कर सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि मेजर एवं माइनर विषय का चयन उसी ग्रुप के विषयों से किया जाए।
प्रश्न: स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए क्या विकल्प है। क्या केवल मेजर विषय में ही पीजी डिग्री कर सकते हैं?
उत्तर- यदि विद्यार्थी स्नातकोत्तर की पढ़ाई करना चाहता है तो केवल जो मेजर विषय है उसी विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर सकता है। अत: मेजर विषय का चयन सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए। यदि विषय समूह में कंप्यूटर साइंस,माइक्रो बायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, फॉरेंसिक साइंस,कंप्यूटरएप्लीकेशन, सीड टेक्नोलॉजी,इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉइल कंजर्वेशन एंड वाटर मैनेजमेंट तथा साईकोलॉजी विषय है तो ऐसे विषय समूह का शुल्क सात हजार निर्धारित है। प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित जानकारी के लिए प्रवेशार्थी यूनिवर्सिटी के सरस्वती कक्ष के बाजू में स्थित डीएसडब्ल्यू के कक्ष में संचालित हेल्प डेस्क पर पहुंच कर अपनी जिज्ञासा का समाधान कर सकता है।