पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मोदी सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने में कसर नहीं छोड़ी। आए दिन केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों के दौरे हुए। मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने भी रोड-शो किया। दूसरी ओर कांग्रेस से कोई स्टार प्रचारक नहीं आया।
कमलनाथ ने परिवार के साथ मैदानी प्रचार के अंतिम दिन तक मोर्चा संभाला। रोजाना दो-तीन सभाएं कीं। पुत्रवधू प्रियानाथ ने भी प्रचार किया। कांग्रेस की सिर्फ एक हार इस हॉट सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कांग्रेस प्रत्याशी हैं। मुकाबला भाजपा उम्मीदवार बंटी विवेक साहू से है। इस सीट पर 45 साल से कमलनाथ और उनके परिवार का कब्जा है।
यही वजह है कि भाजपा नेतृत्व ने इस सीट को बड़ी चुनौती के रूप में लिया। संसदीय इतिहास में 1952 से 2019 तक एक अपवाद को छोड़ कांग्रेस जीतती आई है। 1997 के उपचुनाव में पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा ने भाजपा को जिताया था।
पारिवारिक संबंध निभाने के लिए प्रयासरत
इस संसदीय सीट की सेवा में मेरे पिता कमलनाथ ने अपने जीवन के 45 साल दिए। हर सुविधा और रेलवे, सड़क, स्किल सेंटर सहित अन्य प्रोजेक्ट दिए। अब मैं पारिवारिक संबंध निभाने के लिए प्रयासरत हूं।- नकुलनाथ, कांग्रेस प्रत्याशी इस क्षेत्र में बहुत कुछ करना अभी बाकी & केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की मोहन सरकार ने लोगों को हर जनहितैषी योजनाओं का लाभ दिलाया। इस क्षेत्र में अभी बहुत कुछ करना शेष है। इसका संकल्प-पत्र भी जारी किया है। उसे हम सीट जीतकर पूरा कराएंगे। -बंटी विवेक साहू, भाजपा प्रत्याशी
दलबदल की रणनीति
भाजपा ने पहली बार इतने आक्रामक तेवर से कांग्रेस के गढ़ को ढहाने कांग्रेस नेताओं को तोड़ा। कमलनाथ के खास पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, अमरवाड़ा विधायक रहे कमलेश शाह, महापौर विक्रम अहके, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना समेत एक हजार से ज्यादा कांग्रेस पदाधिकारियों को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई है। हर बूथ पर भी इसी तरह की कोशिश की गई।
2019 चुनाव का परिणाम
नकुलनाथ, कांग्रेस- 587305
नत्थन शाह, भाजपा- 549769