सिसोदिया ने कहा कि बुधवार को मंत्रिमंडल के एक बैठक में फैसला लिया गया कि 1984 के सिख दंगों के दिल्ली में रहने वाले पीडि़तों का बकाया बिजली बिल माफ किया जाए। साथ ही भविष्य में भी उन्हें 400 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर बिल में 50 फीसदी की छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में पुनर्वास योजना के तहत बसाए गए अनेक पीडि़त परिवारों का बिजली बिल सालों से बकाया है और लंबे समय से वे सरकार से बिजली बिल माफ करने की मांग करते रहे हैं। इनमें से अधिकतर पीडि़त या तो बेहद वृद्ध नागरिक हैं या विधवाएं हैं और ऐसे इलाकों में रहते हैं जहां बिजली बिल पर रियायत लागू नहीं होती।
वहीं उपमुख्यमंत्री के मुताबिक इस फैसले से लगभग 2 हजार 500 परिवारों को फायदा पहुंचेगा। साथ ही सिसोदिया ने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए चलाई जा रही योजनाओं के तहत काम के दायरे को बढ़ाया गया है, क्योंकि अब तक इस मद के लिए आवंटित पूरी राशि खर्च ही नहीं हो पाती थी। अब तक इस मद में सिर्फ पांच तरह के कार्य निर्धारित थे, जिसमें सड़क निर्माण, शौचालय निर्माण और नालियों का निर्माण शामिल था।
सिसोदिया ने कहा कि अब हमने इस मद में 23 तरह के कार्य जोड़ दिए हैं, जिन्हें इसी राशि के उपयोग से करवाया जा सकता है। इन नए कार्यों में कूड़ा उठान, पार्कों का निर्माण, पुस्तकालय, पानी की टंकी एवं महिला छात्रावासों का निर्माण शामिल है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब इस मद में आवंटित राशि से अनेक छोटे-छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कार्य करवाए जा सकेंगे और राष्ट्रीय राजधानी के 5,500 ब्लाकों के विकास में मददगार होगा, जहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।