शासन- प्रशासन व विभाग की अनदेखी की वजह का खामियाजा अब यह हो रहा है कि आठवीं पास करने के बाद सीबीएसई पैटर्न के विद्यार्थियों को हाई स्कूल व हायर सकेंडरी की परीक्षाएं या तो सरकारी या निजी स्कूल में जाकर देनी होती हैँ। इसका परिणाम यह निकलता है कि उनकी सीबीएसई को लेकर जो उमीदें रहती हैँ वे तत्काल ही ध्वस्त हो जाती हैं।
CG Hindi News: एमएमपीएस व आत्मानंद विकल्प पर वे भी ध्वस्त
2016 से अब तक हर साल पचास से अधिक विद्यार्थी इस सीबीएसई पैटर्न से पढ़कर निकल रहे हैँ। कुछ समय पहले तक इन्हें या तो डीएवी मुयमंत्री पब्लिक स्कूल का सहारा था। बीते पांच साल में मुयमंत्री पब्लिक स्कूल के शिक्षकों को वेतन के लाले पड़ने से उन्होंने खुद ही ऐसे स्कूलों से नाता तोड़ दिया। डीएवी एमएमपीएस पब्लिक स्कूल अब नाममात्र के दिखावे के लिए संचालित हैं। इसलिए अभिभावक इससे दूर भाग रहे हैँ। इसे अलावा बीते कांग्रेस शासनकाल में आदर्श उत्कृष्ट आत्मानंद स्कूल नया विकल्प बना। हालांकि इनमें भी सीबीएसई पेटर्न लागू नहीं है बावजूद छात्रों को नवमीं कक्षा में सीधे एडमिशन मिल गया था। सरकार बदलते ही इन स्कूल का भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अभिभावक व छात्र दोनों ही असमंजस में हैँ। उनका कहना हे कि सरकारी स्कूल में अध्ययन करवाकर सुरक्षित भविष्य बनाने की बजाए वे एक से दूसरे स्कूल एडमिशन के लिए धक्कामुक्की कर रहे हैँ।