इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री भावसागर महाराज ने कहा कि ताली बजाने से लाभ हैं। धार्मिक क्रियाओं में फ़ायदा तो होता ही है। अच्छे कार्य की अनुमोदना होती है, माहौल भी अच्छा बनता है और कई रोगों में फ़ायदा होता है। आपको लगता है कि ताली बस एक सरल प्रहार है, परन्तु इसके अनगिनत लाभ हैं। आम तौर पर लोग दूसरों के अच्छे काम करने पर या उनकी उपलब्धियों के लिए, उनको सराहने के लिए ताली बजाते हैं। यह वैज्ञानिक रूप से साबित हो गया है कि ताली बजाना कई मानव रोगों के इलाज के लिए बहुत प्रभावी व्यायाम है।
– हथेली में सभी अंगों के 36 भिन्न-भिन्न एक्युप्रेशर बिंदु होते हैं मुनिश्री ने बताया कि ताली बजाना हथेलियों के आरोह को सक्रिय करता है, जिससे मस्तिष्क के बड़े क्षेत्र की सक्रियता के कारण स्वास्थ्य में सुधार होता है। हमारी हथेली में लगभग सभी अंगों के 36 भिन्न-भिन्न एक्युप्रेशर बिंदु होते हैं, जो ताली बजाने से सक्रिय हो जाते हैं। वह इस कार्रवाई से धीरे-धीरे, परन्तु प्रभावी ढंग से, आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। सुबह के समय प्रतिदिन 10-20 मिनट ताली बजाने से आप स्वस्थ और सक्रिय रहते हैं।
जो व्यक्ति पाचन विकार से ग्रस्त है, उसके लिए ताली बजाना एक प्रभावी दवा है। पीठ दर्द, और जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छा इलाज है। गठिया पुरानी उम्र के लोगों के साथ एक आम समस्या है और इसे ताली बजाने से आसानी से ठीक किया जा सकता है। निम्न रक्तचाप के रोगी के लिए उपयोगी है। किसी को किसी भी हृदय और फेफड़ों से संबंधित बीमारी है, तो ताली इन रोगों का इलाज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ताली बजाना मुख्य रूप से स्वास्थ्य संबंधी बाधाओं को दूर करता है और आप फ़िट और स्वस्थ रहते हैं।
मुनिश्री ने कहा कि जो बच्चे प्रतिदिन ताली बजाने का व्यायाम रूपी अभ्यास करते हैं, वह बहुत कम लेखन के कार्यों में ग़लती करते हैं और दूसरों की तुलना में कर्मठ कार्यकर्ता होते हैं। यह उनकी लिखावट में भी सुधार लाती है। बच्चों के मस्तिष्क में पैनापन लाने वाली ताली है। ताली रोगों के ख़िलाफ़ लडऩे के लिए मानव शरीर को शक्ति प्रदान करती है, जो व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि लाती है। इस प्रकार से ताली बजाना फ़ायदे का कार्य है, इससे एक साथ कई फ़ायदे हैं।