सुरक्षा का हवाला देकर पुलिस सुरक्षा के घेरे में चलने वाले अब सिक्योरिटी ऑडिट के दायरे में आएंगे। पीएचक्यू और जिला पुलिस ज्वाइंट जांच में परखेगी कि इन लोगों को किस आधार पर सुरक्षा दी गई है। एडीजी लॉ एंड आर्डर भोपाल अंशुमन सिंह ने बताया कि ऑडिट टीम निर्धारित चार बिंदुओं पर जांच कर आवश्यकता तय करेगी। जिले में फिलहाल 30 से ज्यादा लोगों के नाम इस फेरहिस्त में हैं।
-पुलिस सुरक्षा हासिल करने वालों को किन लोगों से जान का खतरा।
– दुश्मन और दुश्मनी की स्थिति की जांच
– सुरक्षा की अनुशंसा करने वाले कौन थे। सुरक्षा का रिव्यु क्यों नहीं किया गया।
– सुरक्षा का खर्चा अभी तक क्यों नहीं वसूला गया।
– पुलिस की सुरक्षा लेने वालों में कितने लोगों के नाम हथियार लाइसेंस है।
– अगर इन्हें शस्त्र लाइसेंस मुहैया कराए गए हैं तो पुलिस का सुरक्षा घेरा क्यों दिया गया है।
पुलिस अधिकारी मानते हैं गंभीर घटनाओं में गवाह, फरियादी या बड़े अपराधों का खुलासा करने वालों के अलावा सरकारी सुरक्षा का घेरा रसूख जमाने में इस्तेमाल हो रहा है। इनमें राजनीति से जुड़े लोग अफसरों से सांठगांठ कर सरकारी सुरक्षा का फायदा उठा रहे हैं।
पुलिस की सुरक्षा कितने लोगों को किस आधार पर मुहैया कराई गई है। आदेश की कॉपी मंगाकर उसकी समीक्षा की जाएगी। पात्रता रखने वालों को ही सुरक्षा मुहैया होगी।
– अनशुमन सिंह, लॉ एंड आर्डर, एडीजी भोपाल
पुलिस सुरक्षा जितने लोगों को मुहैया कराई गई है उनकी सिक्योरिटी का ऑडिट कराया जाएगा। पीएचक्यू के साथ मिलकर इस पर निर्णय लिया जाएगा। सुरक्षा लेने वालों को जिस दुश्मनी या धमकी का हवाला देकर सुरक्षा हासिल की है उसकी ताजा स्थिति क्या है। इसकी जांच की जाएगी।
– अरविंद सक्सेना, आईजी, ग्वालियर रेंज